अमरनाथ यात्रा के छठे दिन गुरुवार को 5696 तीर्थयात्री जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुए। 5696 यात्रियों का सातवां जत्था सुबह 219 वाहनों में सवार होकर कश्मीर घाटी के पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना हुआ।

बता दें कि अमरनाथ यात्रा दो अलग-अलग रूट से की जा रही है। अब तक कुल 80392 यात्री सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच यात्रा करने के लिए जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर रवाना हो चुके हैं।

पांच दिन में ही पवित्र गुफा में अमरनाथ यात्रा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा एक लाख के पार हो गया है। पिछले वर्ष यह संख्या यात्रा शुरू होने के बाद 10 दिन में पहुंची थी। जिस तरह से दिन-प्रति-दिन श्रद्धालुओं का आना हो रहा है, उससे पूरी उम्मीद है कि इस बार तीर्थ यात्रा नए रिकॉर्ड बनाएगी। शिव की कृपा से मौसम भी साथ दे रहा है।

52 दिनों तक चलेगी यात्रा


29 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हुई है। इस बार तीर्थ यात्रा 52 दिन की है, जिसका समापन 19 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन होगा। हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक अमरनाथ में भोलेनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को बड़े ही दुर्गम रास्ते से होकर जाना पड़ता है क्योंकि ये यात्रा बहुत कठीन मानी जाती है। देश के कोने-कोने से अधिकतर श्रद्धालु सीधे ही पहलगाम व बालटाल पहुंच कर यात्रा पर जा रहे हैं। यात्री निवास में आकर जत्थे में शामिल होकर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम है।

आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी


श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई जगह आरएफआइडी कार्ड देने के लिए काउंटर लगाए हैं। इसमें कश्मीर संभाग में पंथा चौक, बालटाल आधार शिविर, नीलग्रंथ हेलीपैड, पहलगाम हेलीपैड, नुनवन आधार शिविर और जम्मू में रेलवे स्टेशन के नजदीक वैष्णवी धाम, पंचायत भवन, जम्मू रेलवे स्टेशन, यात्री निवास भगवती नगर जम्मू, महाजन हाल, राम मंदिर, गीता मंदिर में काउंटर हैं। आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है। इसलिए इसके बिना किसी श्रद्धालु को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती।

प्रतिदिन दिन सुबह और शाम को लाइव आरती
बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा से लाइव आरती का प्रसारण सुबह साढ़े पांच बजे से छह बजे और शाम को चार बजे से साढ़े चार बजे तक प्रत्येक दिन हो रहा है। देश-विदेश में बैठे शिव भक्तों को बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा से आरती देखने को मिल रही है। यह सारे प्रबंध श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की तरफ से किए गए हैं।

जम्मू से कश्मीर की ओर रवाना हुए यात्रियों में 4487 पुरुष, 1011 महिलाएं, 10 बच्चे, 167 साधु और 21 साध्वी शामिल हैं. इन यात्रियों को पहलगाम में नुनवान और सोनमर्ग में बालटाल के बेस कैंपों तक ले जाया जा रहा है, जहां से वे पहाड़ी सड़कों के रास्ते गुफा की ओर रवाना होंगे. बृहस्पतिवार को 219 वाहनों में 5696 तीर्थयात्रियों को जम्मू से कश्मीर घाटी ले जाया गया, जिन्हें अर्धसैनिक सुरक्षा बलों, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा प्रदान की गई. यात्रियों को ट्रांजिट कैंप काजीगुंड में रोका गया है, जहां से वे गंतव्य के लिए रवाना हुए. बालटाल ट्रैक से 97 वाहनों में 2028 यात्री और पहलगाम से 122 वाहनों में 3668 यात्री रवाना हुए.

जम्मू-कश्मीर में मौसम का हाल


मौसम विभाग ने जम्मू संभाग में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की भविष्यवाणी की है. अमरनाथ गुफा के आसपास हिमालय में भारी बारिश से इनकार नहीं किया जा सकता. मौसम विभाग ने सलाह दी है कि 4 से 6 जुलाई के दौरान कुछ संवेदनशील स्थानों पर अचानक बाढ़, भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की संभावना है.

अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित है. यहाँ केवल पैदल या टट्टू द्वारा ही पहुंचा जा सकता है. मंदिर तक अनंतनाग-पहलगाम और गंदेरबल-सोनमर्ग-बालटाल मार्ग के माध्यम से पहुंचा जा सकता है. ज्यादातर यात्री बालटाल मार्ग से जाते हैं, जो बालटाल से मंदिर तक 16 किलोमीटर का छोटा रास्ता है. ये एक खड़ी, घुमावदार पहाड़ी पगडंडी से होकर जाता है.

इस मार्ग पर तीर्थयात्रियों को 1-2 दिन लगते हैं. दूसरा है पहलगाम मार्ग जो गुफा से लगभग 36-48 किमी दूर है और इसे तय करने में 3-5 दिन लगते हैं. हालांकि यह एक लंबी यात्रा है, लेकिन यह थोड़ी आसान और कम खड़ी है. 52 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी.