सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में सब इंस्पेक्टर के सत्याग्रह का गजब असर देखने को मिला। यहां डीआरपी लाइन से अवधपुरी थाने में पदस्थ किए गए एक SI ने सत्याग्रह करते हुए अन्न जल त्याग दिया था। थाने में होने वाले रोजमर्रा के खर्चों से परेशान होकर इंस्पेक्टर ने अन्न-पानी छोड़ने की घोषणा वाट्सएप पर कई ग्रुपों में कर दी थी।  

सोशल मीडिया पर दर्द किया बयां 

सब इंस्पेक्टर ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करते हुए लिखा कि जितनी मेरी सैलरी है, उसमें बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और खाना-खर्चा ही पूरा हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि महज 1600 रूपए पेट्रोल भत्ते के लिए मिलते हैं जबकि थाने तक आने-जाने में ही इससे ज्यादा रुपए  खर्च हो जाते है। सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह का दो दिन पहले पुलिस लाइन से अवधपुरी थाने में ट्रांसफर हुआ था। जितेंद्र सिंह ने पैसे बचाने के लिए अन्न-जल छोड़ने की बात लिखी थी।

मैसेज के वायरल होते ही वापस हुआ तबादला 

सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह का मैसेज जिसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तत्काल उनके फोन की घंटी बजने लगी। सब इंस्पेक्टर का अनोखा सत्याग्रह देखकर अधिकारियों ने उनका तबादला अवधपुरी थाने से वापस डीआरपी लाइन कर दिया । इसके बाद खुद जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए कहा कि उनके आग्रह पर सुनवाई हुई और उनका स्थानांतरण वापस हो गया है। इस आदेश के बाद उन्होंने फिर से अन्न-जल का सेवन शुरू कर दिया है।

पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल 

लेकिन सब इंस्पेक्टर के सोशल मीडिया वाले बयान ने पुलिस विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह जरूर लगा दिया है। क्या वाकई थानों में रिश्वतखोरी चलती है ?

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