रामकुमार यादव, अंबिकापुर। उत्तर प्रदेश के बरेली की एसडीएम ज्योति मौर्य का मामला तो आपने सुना ही होगा, जो नौकरी मिलते ही अपने पति को छोड़ दी थी. एक ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से आया है. जहां अनुकंपा नियुक्ति मिलने के बाद महिला अपने पति और बच्चे को छोड़कर चली गई. आश्चर्य की बात तो यह है कि पति उसकी नौकरी को भी फर्जी तरीके से मिलने का आरोप लगाया है.
दरअसल, लखनपुर विकासखंड के ग्राम तराजू के रहने वाले दीपक राजवाड़े ने पूरे मामले में आरोप लगाते हुए बताया है कि स्वर्गीय समुद्री बाई अनुविभागीय अधिकारी श्याम नहर उप संभाग क्रमांक 1 अंबिकापुर में पत्र वाहक के पद पर कार्यरत थी. समुद्री बाई की आकस्मिक निधन हो गई. जिसके बाद उनकी सबसे छोटी पुत्री सुलोचनी राजवाड़े जो की दीपक राजवाड़े की पत्नी है अनुकंपा नियुक्ति को पाने के लिए शादीशुदा होते हुए भी सुलोचनी राजवाड़े खुद को कुंवारी बता कर अपने पति के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से षडयंत्र पूर्वक अनुकंपा नियुक्ति को प्राप्त कर ली. मामले का खुलासा तब हुआ जब दीपक रजवाड़ की पत्नी अनुकंपा की नौकरी प्राप्त कर उसे और उसके बच्चे को छोड़कर चली गई.
जब बात नहीं बनी तब पति दीपक राजवाड़े ने आयुक्त सरगुजा सूरजपुर कलेक्टर और कार्यालय अभियंता जल संसाधन क्रमांक 1 अंबिकापुर में किया है. बहरहाल अब तक मामले में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यदि सही तरीके से जांच की जाए तो प्राप्त की गई अनुकंपा नियुक्ति समाप्त हो सकती है. पति दीपक राजवाड़े आज भी पत्नी सुलोचनी राजवाड़े के वापस आने का इंतजार कर रहा है.