सत्यपाल सिंह, रायपुर। राजधानी में स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल को छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में गिना जाता है. लेकिन अंबेडकर अस्पताल में 15 सालों से टिके अधीक्षक विवेक चौधरी द्वारा जारी एक फरमान ने तूल पकड़ लिया है. अस्पताल के मरच्यूरी विभाग में 1 दिन में 10 से ज़्यादा शव का पोस्टमार्टम नहीं करने का नियम लागू होने पर छत्तीसगढ़ संगवारी संघर्ष समिति ने विरोध जताते हुए मोर्चा खोला दिया और आदेश को तानाशाही फरमान करार देते हुए नियम को तत्काल वापस लेने की मांग की, तो अधीक्षक को नियम वापस लेना पड़ा.

छत्तीसगढ़ संगवारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजकुमार राठी और प्रदर्शनकारियों ने फोन पर अधीक्षक विवेक चौधरी से बातचीत की और कहा कि व्यक्ति के अचानक मौत होने से पोस्टमॉर्टम किया जाता है इस प्रकार का नियम लागू करने से उस परिवार की तकलीफ बढ़ जाएगी. इसलिए मृतकों का जल्द से जल्द पोस्टमॉर्टम करवाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को सरल बनाए. जिस पर अधीक्षक विवेक चौधरी ने सहमति जताते हुए इस नियम को तत्काल वापस लेने की बात कही है.

प्रर्दशनकारियों ने आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए कड़ी निंदा की औऱ कहा कि ऐसा नियम मानवता के खिलाफ है. जिस परिवार में किसी व्यक्ति की असामान्य मौत होती है उस परिवार की महिलाओं एवं बच्चों को संभालना परिजनों को मुश्किल हो जाता है और परिवार की ये कोशिश रहती है कि जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करवाकर व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दिया जाए, लेकिन इस प्रकार के नियम से ना केवल अंतिम संस्कार में विलंभ होगा, बल्कि परिवार को भी कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. इसके साथ ही कहा कि नियम को पूर्व की तरह यथावत रखने में देरी हुआ तो संघर्ष समिति ने उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी है.