जेसीबी से डैम को पाटने का काम
प्लॉटिंग के लिए समतलीकरण
पाइप से डैम का पानी निकालने की कवायद
डैम पर जेसीबी

अंबिकापुर। अंबिकापुर के अर्चना डैम को रातों-रात सूखाकर उसे बेचने की साजिश हो रही है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसी भी स्थिति में तालाब या दूसरे जलाशय नहीं पाटे जा सकते लेकिन उसके बाद भी प्रशासन की नाक के नीचे आदेश की अवहेलना हो रही है.

यहां तैराकी सीखते हैं बच्चे

मामला अंबिकापुर से 7 किलोमीटर दूर मेंड्रा खुर्द का है. जहां अर्चना डैम स्थित है. पूरे साल भर इस डैम में पानी भरा रहता है. गर्मी में स्कूली बच्चों को यहां तैराकी सिखाई जाती है. पुलिस प्रशासन ने ‘पायिका’ योजना के तहत यहां बच्चों को गर्मियों में तैराकी सिखने के लिए भेजा था. लेकिन पिछले कुछ दिनों से रात रात यहां जेसीबी चलाकर डैम को पाटने की कोशिशें चल रही हैं. डैम का पानी निकालकर इसे सुखाया जा रहा है.

 

भूमाफियाओं की नज़र

दरअसल जब से डैम की सड़क चौड़ी की गई है तब से इस जगह भूमाफियाओं की नज़र है. भूमाफिया यहां आस-पास की ज़मीन खरीदकर सक्रिय हो गए हैं. डैम के एक हिस्से को पाटना शुरु कर दिया गया है. पिछले कुछ दिनों से इस काम में काफी तेज़ी आई है. इस डैम में सालभर पानी भरा रहता है. इसलिए रात को पानी निकाला जा रहा है ताकि ज़मीनें बेचने में आसानी हो.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना- राकेश चौबे

आरटीआए एक्टिविस्ट राकेश चौबे के मुताबिक यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है. उन्होंने बताया कि 2011 को जसपाल सिंह वर्सेस पंजाब सरकार एव अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया था. आदेश के मुताबिक निस्तार की कोई भी ज़मीन चाहे वो तालाब हो, जलाशय हो या चारागाह या श्मशान की ज़मीन को नहीं पाटा जा सकता न ही इसे किसी रुप में बदला जा सकता है. इसे यथास्थित बनाए रखना है. यह जिम्मेदारी स्थानीय कलेक्टर की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवाए.

बताया जा रहा है कि यह काम शहर के एक बड़े भूमाफिया की सरपरस्ती में हो रहा है जिसके चलते प्रशासन इस पर हाथ डालने से डर रहा है. इस मामले में हमने स्थानीय कलेक्टर भीम सिंह से बात करने की कोशिश की लेकिन खबर लिखे जाने तक उनसे बात नहीं हो पाई है. हम आपको बता दें कि इस डैम की वजह से आसपास के गावों का जलस्तर काफी अच्छा होता है और ये तमाम इलाके खेती-बाड़ी में संभाग के अग्रणी गांव हैं. जानकार बताते हैं कि अब इस जलाशय के नष्ट होने से पूरे गांव की आजीविका प्रभावित होगी.