Ambikapur-Korea News Update: अंबिकापुर. एक युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर सरगुजा में लंबे समय से पदस्थ रहे आरक्षक प्रविन्द्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाया है. युवक ने आरक्षक के महादेव सट्टा एप में संलिप्त होने की बात कही है. आरक्षक ने युवक को महादेव सट्टा संचालित करने के लिए काम पर रखा था और अपने गाड़ाघाट स्थित किराए के मकान में सेटअप रखा था. उसने सट्टा खेलवाने के लिए पूरा सेटअप तैयार कर रखा था. जब युवक ने अवैध काम करने से मना कर दिया तो उसे उल्टा केस में फंसा देने की धमकी देता था. युवक आरक्षक की डर से शहर छोड़कर फरार है.
सत्यम केसरी शहर के सतीपारा का रहने वाला है. उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया है. उसने बताया है कि २१ फरवरी २०२३ से प्रविन्द्र सिंह आरक्षक बैच नंबर ५०० मुझसे १ माह काम कराया था. आरक्षक ने अपने गाड़ाघाट स्थित किराए के रूम में सेटअप लगाया था. वहां सत्यम सहित पांच लोग काम करते थे. आरक्षक महादेव सट्टा एप का काम करवाता था. सत्यम को जब पता चला कि यह काम गलत है तो उसने मना कर दिया. वह लगभग १ माह काम किया था. उसने ४८ लाख का प्रॉफिट देने की बात बताई है.


शराबी भतीजे ने टांगी से हमला कर चाचा को उतार दिया मौत के घाट
अंबिकापुर. शराब के नशे में भतीजे ने चाचा पर टांगी से प्राणघातक हमला कर दिया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक बलरामपुर जिला के पस्ता थाना, पुलिस चौकी डौरा अंतर्गत ग्राम पतराडीह निवासी रामकिशुन पैकरा पिता बिगन पैकरा 60 वर्ष का भतीजा रामप्रीत पैकरा अक्सर शराब पीकर हंगामा करता था. 22 जुलाई को वह शराब पीकर अपने चाचा रामकिशुन के घर गया था और हल्ला कर रहा था. इसी दौरान अचानक उठा और टांगी से अपने चाचा के गर्दन, सीने में प्राणघातक हमला कर दिया. फिर पुलिस चौकी डौरा में जाकर बताया कि वह अपने चाचा को टांगी से मारकर जमी कर दिया है.
इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस आरोपी रामप्रीत पैकरा को हिरासत में लेकर मौके पर पहुंची. घटनास्थल पर काफी खून फैला था और रामकिशुन लहूलुहान हाल में था, उसकी स्थिति काफी खराब थी. घायल अवस्था में घायल रामकिशुन को क्षेत्रीय अस्पताल लेकर परिजन पहुंचे, यहां से प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने रेफर कर दिया. वृद्ध की गंभीर स्थिति देखते हुए स्वजन उसे सीधे रायपुर ले गए, यहां इलाज के दौरान बनी नाजुक स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने जवाब दे दिया. घायल को लेकर परिजन रविवार को वापस अंबिकापुर लेकर पहुंचे, यहां होलीक्रॉस अस्पताल में जांच के बाद चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया.
डीलरशिप दिलाने के नाम पर 40 लाख की ठगी
अंबिकापुर. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की डीलरशिप दिलाने के नाम पर दंपती से 40 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद गांधीनगर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. गांधीनगर थाना क्षेत्र के सरनापारा तुलसी चौक, गंगापुर खुर्द निवासी रंजीत कुजूर (62 वर्ष), सीआईएसएफ से सेवानिवृत्त हैं. उनकी पत्नी जसिन्ता कुजूर (60 वर्ष) ने बताया कि उन्हें ओजोमो ऑटोमोबाइल्स प्रालि, चंडीगढ़ (पंजाब) के डायरेक्टर राम शर्मा द्वारा इलेक्ट्रिक स्कूटर की डीलरशिप देने का प्रस्ताव मिला था. 4 दिसंबर 2019 को कंपनी का कोटेशन मिलने के बाद उन्होंने केनरा बैंक अंबिकापुर से 45 लाख का लोन लिया और 29 जनवरी 2020 को 40 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिए. फिर रंजीत कुजूर ने दुकान किराए पर ली और 3 वर्षों तक 15 हजार रुपये मासिक किराया भी चुकाया. उन्होंने पत्नी के नाम की बंधक संपत्ति (मकान व जमीन) गिरवी रखकर लोन लिया था. अब बैंक द्वारा ब्याज सहित 62.55 लाख रुपये की वसूली हेतु बंधक संपत्ति की नीलामी का दबाव बनाया जा रहा है.
भुगतान के बाद उन्हें न तो वाहन मिले और न ही कोई आवश्यक सामान उपलब्ध कराया गया. लगातार संपर्क के बाद भी राम शर्मा टालमटोल करता रहा. निराश होकर दंपती ने न्यायालय में दस्तावेजों सहित परिवाद प्रस्तुत किया. मुय न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 156(3) के तहत आवेदन स्वीकार करते हुए पुलिस को जांच के निर्देश दिए, जिसके आधार पर केस दर्ज किया गया.
वर्दी पहनकर जाम छलकाते वीडियो वायरल, एक वनपाल लाइन अटैच, दूसरे को किया गया भारमुक्त
बैकुंठपुर. वनपरिक्षेत्र देवगढ़ के जंगल में वर्दी पहनकर जाम छलकाने वाले दो वनपाल(असिस्टेंट डिप्टी रेंजर) का वीडियो वायरल होने के बाद जांच कमेटी गठित की गई है. साथ ही असिस्टेंट डिप्टी रेंजर को वनमंडल मुयालय बैकुंठपुर अटैच कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार कोरिया वनमण्डल के देवगढ़ रेंज में वर्दी पहनकर ड्यूटी के दौरान महुआ शराब का सेवन करते दो डिप्टी रेंजर का वीडियो वायरल हुआ था. मामले में एक डिप्टी रेंजर को वनमंडल मुयालय अटैच कर जांच के निर्देश दिए गए हैं. एसडीओ वन उत्तर को जांच की जिमेदारी सौंपी गई है. वहीं दूसरे डिप्टी रेंजर को तत्काल रिलीव कर दिया गया है. जिनका पहले ही दूसरे वनमंडल में तबादला हो चुका है. मामला निग्नोहर बीट के हर्राडीह क्षेत्र का है. जहां वीडियो में ड्यूटी के दौरान वर्दी पहने दो डिप्टी रेंजर पेड़ की छांव में बैठकर महुआ शराब का सेवन करते नजर आए थे. ग्रामीणों ने इस दृश्य मोबाइल कैमरे में कैद कर कर वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब ग्रामीण युवक पहुंचे तो दोनों अधिकारी बैठकर शराब पी रहे थे. फिर तुरंत वहां से उठकर कार्य स्थल की ओर निकल गए. जिसमें एसएस खान निग्नोहर बीट, दूसरा हर्राडीह बीट के असिस्टेंट डिप्टी रेंजर आईडी कुजूर हैं. दोनों ही देवगढ़ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत थे.
सेवानिवृत्त कोल कर्मियों के लिए अलग दवा काउंटर की सुविधा
बिश्रामपुर. कोल इंडिया लिमिटेड से जुड़े सेवानिवृत्त कर्मचारियों और वर्तमान अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए केंद्रीय चिकित्सालय बिश्रामपुर में दवा वितरण के लिए दो अलग-अलग काउंटरों की शुरुआत की गई है, जिससे वर्षों से चली आ रही अव्यवस्था और भीड़ की समस्या से अब छुटकारा मिलने की उमीद है. नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए केंद्रीय चिकित्सालय के मुय चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमाशंकर बैठा ने बताया कि वर्तमान में करीब 1300 सेवानिवृत्त कोल कर्मी और करीब 2300 कार्यरत कर्मचारी-अधिकारी इस अस्पताल की नियमित सेवाएं लेते हैं. पहले इन सभी के लिए केवल एक ही दवा काउंटर होने से दवा वितरण में भीड़ लगती थी. इससे वरिष्ठ नागरिकों और अस्वस्थ लोगों को विशेष परेशानी होती थी. नई व्यवस्था के तहत अब सेवानिवृत्त कोल कर्मियों के लिए विशेष अलग काउंटर निर्धारित किया गया है जिससे उन्हें लंबे इंतजार और लाइन में लगने की झंझट से मुक्ति मिलेगी. सीएमओ डॉ. बैठा ने बताया कि हमने लंबे समय से यह महसूस किया कि एक ही काउंटर पर इतनी बड़ी संया को संभालना न तो व्यवहारिक था, न ही मानवीय. अब दो काउंटरों की व्यवस्था से कार्यरत और सेवानिवृत्त दोनों वर्गों को समयबद्ध और समानजनक सेवा मिलेगी. डॉण् बैठा ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में डिजिटल टोकन प्रणाली, ई-दवा पर्ची और वृद्धजनों के लिए प्राथमिकता जैसी तकनीकी सुविधाएं भी लागू की जा सकती हैं ताकि दवा वितरण व्यवस्था और भी बेहतर हो सके.
फोर्टिफाइड चावल के अवैध भंडारण पर की गई कार्रवाई
अबिकापुर. खरसिया चौक स्थित अरूण ट्रेडर्स में फोर्टिफाइड चावल के अवैध भंडारण के मामले में कलेक्टर न्यायालय सरगुजा द्वारा कड़ी कार्यवाही की गई है. न्यायालय ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3-7 के तहत दुकान संचालक अरूण कुमार अग्रवाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि 14 जुलाई को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अबिकापुर के निर्देशानुसार खाद्य विभाग की टीम ने अरूण ट्रेडर्स के प्रतिष्ठान का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के समय प्रतिष्ठान के सामने खड़े ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी 0189 में 220 बोरी चावल लोड पाया गया. जांच में यह चावल फोर्टिफाइड पाया गयाए जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित किया जाता है. खाद्य अधिकारी अबिकापुर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया है कि इस चावल का खुले बाजार में क्रय-विक्रय करना आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दंडनीय है. प्रकरण में अरुण कुमार अग्रवाल ने न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर बताया कि वह ग्रामीणों से चावल खरीदकर अपनी राइस मिल ले जाने की तैयारी कर रहा था. उसे यह जानकारी नहीं थी कि उसमें फोर्टिफाइड चावल की मिलावट है. लेकिन न्यायालय ने उनके कथन को असंगत एवं असंतोषजनक माना.
सात दिन में मांगी कार्रवाई की जानकारी
विवेचना उपरांत कलेक्टर न्यायालय ने अरुण ट्रेडर्स द्वारा संग्रहित चावल को पीडीएस के अंतर्गत संभावित रूप से उपयोग योग्य पाते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है. साथ ही ट्रक व जब्त चावल को फिलहाल अरुण अग्रवाल की सुपुर्दगी में रखने का निर्देश भी दिया गया है. खाद्य अधिकारी को यह भी निर्देशित किया गया है कि एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जानकारी 7 दिवस के भीतर न्यायालय को प्रस्तुत करें. प्रशासन द्वारा यह कार्यवाही खाद्यान्न की कालाबाज़ारी एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया सत कदम है.