Ambikapur News, सूरजपुर। प्रतापपुर के प्रस्तावित रिंग रोड के लिए चयनित मार्ग में अन्य भी कई खामियां सामने आ रही है. उक्त रोड में 90 डिग्री के मोड़ वाली सड़क के साथ कई जगह गहराई ज्यादा होगी. इसके अलावा रास्ते में कई स्कूल, आईटीआई और बस स्टैंड पड़ेगा, जो सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है.
प्रतापपुर में आए दिन ट्रैफिक का दबाव बढ़ते जा रहा है, बड़ी-बड़ी गाड़ियां जाम, दुर्घटना सहित अन्य परेशानियों का कारण बनते हैं. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए यहां रिंग रोड की मांग लंबे समय से हो रही है. इस बीच इस साल प्रदेश सरकार का बजट प्रतापपुर के लिए राहत वाली खबर लेकर आया था, क्योंकि इसमें रिंग रोड के लिए बजट का प्रावधान किया गया था.

लोक निर्माण विभाग ने रिंग रोड के लिए तैयारियां शुरू कर दीं और कुछ महीने पहले इसके लिए सर्वे भी राजस्व विभाग के साथ किया था, जिसके बाद लोनिवि ने लगभग 8 किमी के रिंगरोड को लेकर अनुमानित 40 करोड़ रुपए से ऊपर का प्रस्ताव तैयार कर प्राक्कलन बनाया है, और उसकी स्वीकृति के लिए शासन को भेजने की तैयारी कर रही है.
सर्वे के दौरान ही इस सड़क को लेकर यह बात उठी थी कि रिंग रोड के लिए यह उचित नहीं है, तथा स्थाई समाधान नहीं होगा क्योंकि इसमें कई जगहों पर 90 डिग्री वाले मोड़ होंगे. इस तरह के मोड की शुरुआत मिशन चौक के पास से ही हो जाएगी और अमनदोन तक कई जगहों पर यही स्थिति होगी. अभी सड़क में कई जगह गहराई है और बनने के बाद भी उतार चढ़ाव रहेगा, टनिंग कई जगहों पर मिलेगी. सबसे बड़ी बात है कि यह रिंग रोड शहर के कई हिस्सों से होकर गुजरेगी, जबकि रिंग रोड शहर के बाहर बनता है.
सुरक्षा की दृष्टि से भी यह उचित नहीं है क्योंकि इसमें कई स्कूल और आईटीआई हैं और बच्चों का आना जाना रहेगा, बाबापारा में बस स्टैंड है जहां अभी शराब दुकान के कारण भीड़ रहती है, बस स्टैंड संचालन के बाद भीड़ और बढ़ जाएगी. इस सड़क का चयन रिंग रोड के लिए करने की बातें सामने आने के बाद इसे उचित नहीं माना गया था. लेकिन अब जो बातें सामने आ रही हैं, विभाग ने इसी सड़क को रिंग रोड बनाने का निर्णय लिया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन सखी लगाएंगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
अम्बिकापुर। जिले में ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों तक परिवहन सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सड़क व परिवहन विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने एक नई पहल शुरू की है. इस पहल के तहत अब बैंक सखियां वाहन सखी के रूप में कार्य करेंगी.
इस अभिनव पहल के साथ सरगुजा जिला राज्य का पहला जिला बन गया है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में नंबर प्लेट अपडेट की सेवा शुरू हुई है. इन वाहन सखियों को परिवहन विभाग द्वारा विशेष आईडी प्रदान की जाएगी. इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में दो पहिया और चार पहिया सहित सभी वाहनों में उच्च सुरक्षा नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने पोर्टल पर आवेदन कराया जाएगा. यही नहीं, वाहन सखियां नंबर प्लेट इंस्टॉलेशन का कार्य भी करेंगी. इसके अलावा, वाहन सेवा पुस्तिका में वाहन मालिकों का मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का अपडेट करने का कार्य भी वे कर सकेंगी. इस सेवा के बदले वाहन सखियों को फिटमेंट कंपनी रोजमार्टा द्वारा निर्धारित सेवा शुल्क प्रदान किया जाएगा.
जानकारी अनुसार, जिले में अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत पुराने वाहनों की संख्या 3,47,846 है, अब तक नंबर प्लेट अपडेट 18,000 वाहनों के हुए हैं. जिले में चयनित 64 बैंक सखियों का प्रथम बैच में 34 बैंक सखियों को प्रशिक्षण दिया गया है. शेष बैंक सखियों को आगामी बैच में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
पीएम आवास के लिए कलेक्टर सहित 98 बने नोडल
अम्बिकापुर। केंद्र व राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत जिले में लंबित व निर्माणाधीन आवासों को निर्धारित समय-सीमा तक पूर्ण कराने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया हैं. कलेक्टर विलास भोसकर ने आदेश जारी कर स्वयं सहित कुल 98 अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.
सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने ग्राम पंचायतों में आवास निर्माण कार्य की प्रतिदिन समीक्षा करें, ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य की गति बढ़ाएं तथा प्रत्येक स्तर पर जियो टैगिंग का कार्य सुनिश्चित करें. जिले में आवास निर्माण की स्थिति में वित्तीय वर्ष 2024-25 अंतर्गत स्वीकृत आवास 31,868 हैं, जिसमें 11,574 पूर्ण आवास हो चुके हैं. वहीं पीएम जनमन योजना अंतर्गत 2,565 आवास स्वीकृत हुए हैं. जिसमें 896 आवास पूर्ण हो चुके हैं.
गाज से दो दिन के भीतर तीन की मौत
अम्बिकापुर। सरगुजा में स्थानीय प्रभाव से कम ऊंचाई में गरजने वाले बादल बनने के साथ ही गाज गिरने की घटनाएं भी लगातार हो रही है. पिछले दो दिनों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि एक महिला गंभीर रूप से झुलस गई.
बताया जा रहा है कि बतौली के ग्राम उमापुर निवासी अशोक तिग्गा पिता कल्लू तिग्गा 38 वर्ष सोमवार की शाम करीब चार बजे अपनी पत्नी ललीता के साथ खेत की ओर गया था. तभी चमकगरज के साथ बारिश होने लगी और गाज गिरने से दोनो अचेत हो गए. करीब तीन घंटे बाद ललीता को जब होश आया तब उसने शोर मचाई. गांव वाले पहुंचे और दोनों को शांतिपारा चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किए जाने पर मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान अशोक तिग्गा की मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि उसकी पत्नी का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है. वहीं तौली पुलिस ने बताया कि दो दिन के भीतर ग्राम शिवपुर और टिरंग में गाज की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हुई है. जिससे बतौली क्षेत्र में गाज से मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है. जिसमें से एक ग्रामीण की मौत मवेशी चराते समय पेड़ के नीचे खड़े होने से गाज गिरने से हुई थी.
50 साल पुराने बरकेला बांध में 16 जगहों पर हो रहा जल रिसाव
अम्बिकापुर। अम्बिकापुर विकासखण्ड में स्थित बरकेला बांध लगभग 50 वर्ष पुराना है, वर्तमान समय में बांध से करीब 16 जगहों पर जल रिसाव हो रहा है. कलेक्टर के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने रिसाव को नियंत्रित करने के लिए फिल्टर लगाए हैं और लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
कलेक्टर विलास भोसकर अम्बिकापुर विकासखण्ड के बरकेला बांध पहुंचे. जहां उन्होंने बांध में जलभराव, तटबंध की स्थिति और मिट्टी के कटाव का जायजा लिया. कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बांध की निरंतर देखरेख और निगरानी की जाए. उन्होंने बांध के समीप बने मकानों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए, ताकि आपात स्थिति में किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि न हो.
निरीक्षण के दौरान मौजूद उपसरपंच, वार्ड पंच और ग्रामीणों को कलेक्टर ने बांध की वास्तविक स्थिति पर सतत् निगरानी रखने को कहा. निरीक्षण के दौरान एसडीएम फागेश सिन्हा, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता अशोक निरंजन, तहसीलदार अमन चतुर्वेदी, नायब तहसीलदार सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.
कुम्हारों ने मिट्टी कार्य के लिए हर गांव में मांगी पांच एकड़ भूमि
अम्बिकापुर। प्रदेश में 18 साल पूर्व कुम्हारों के लिए प्रत्येक गांव में मिट्टी कार्य कराने के लिए पांच एकड़ भूमि आरक्षित करने के आदेश के बावजूद आज तक सरगुजा जिले के गांव में भूमि आवंटित नहीं किया गया. इसको लेकर कुम्हार समाज के पदाधिकारीयों ने कलेक्टर बिलास भोस्कर को ज्ञापन सौंपकर पहल कराने की मांग की है.
कुम्हार समाज सरगुजा जिला अध्यक्ष शंकर प्रजापति के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें बताया है कि सन 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व विभाग के अवर सचिव ने भू राजस्व संहिता का हवाला देते हुए 26 सितम्बर 2006 को आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ के प्रत्येक ग्राम पंचायत में कुम्हारों के लिए 5 एकड़ भूमि आरक्षित करने की आदेश जारी किया है.
मामले में राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने 20 अप्रैल 2023 को आदेश जारी कर राज्य के समस्त कलेक्टर को निर्देशित करते हुए कुम्हारों के लिए मिट्टी कार्य प्रयोजन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में कुम्हारों के लिए 5 एकड़ भूमि आरक्षित करने के लिए फिर से आदेश जारी किया है.
इसमें कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए कहा है कि जिले के तहसीलदार के द्वारा तहसील स्तर पर सर्वे कराकर आरक्षित भूमि की खसरा और रकबा नंबर की सूची उपलब्ध कराएं. साथ ही सन् 2006 से 2023 तक संबंधित कई विभाग की ओर से आदेश किया गया है. ज्ञापन के सौंपने के दौरान जिला उपाध्यक्ष घासी राम प्रजापति, सुहांग प्रजापति, शिवनाथ प्रजापति, परमेश्वर प्रजापति सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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