रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जैव विविधता अधिनियम में संशोधन को लेकर केंद्र पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों के विपरीत है यह संशोधन. सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि लोकसभा से 25 जुलाई एवं राज्यसभा से 1 अगस्त को जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, पारित कर दिया गया. इस संशोधन के बाद जैव विविधता उल्लंघन से संबंधित अपराधों को समाप्त कर दिया जाएगा.
कार्पोरेट सेक्टर को वन संसाधनों की लूट की छूट देना है- CM बघेल
सीएम बघेल ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन में निजी क्षेत्र की कंपनियों को सभी प्रकार के वन क्षेत्रों में व्यापार की छूट देता है. इसका वास्तविक उद्देश्य कार्पोरेट सेक्टर को वन संसाधनों की लूट की छूट देना है.
वन क्षेत्रों में कार्पोरेट जगत की एंट्री- बघेल
बघेल ने कहा कि इस संशोधन के माध्यम से वन संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को भी बैक डोर से बाई पास करने की मंशा है. इस संशोधन से आदिवासियों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. वन क्षेत्रों में कार्पोरेट जगत की एंट्री सरल करने से आदिवासियों के वन क्षेत्रों से बेदखली की आशंका उत्पन्न हो गई है.
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