America Banned Indian companies: अमेरिका ने रूस को रक्षा संबंधी उपकरण मुहैया कराने का आरोप लगाते हुए 19 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. भारत ने शनिवार को इन पर स्पष्टीकरण दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की रिपोर्ट देखी है. हम रक्षा निर्यात से जुड़े मामलों में यूएनएससी के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करते हैं.
रणधीर ने कहा, “19 कंपनियों ने किसी भी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है.” उन्होंने कहा कि हम सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर कंपनियों को निर्यात नियमों से अवगत कराने का काम कर रहे हैं.
दरअसल, भारत के अलावा अमेरिका ने रूस, चीन, मलेशिया, थाईलैंड, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे एक दर्जन से अधिक देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अमेरिका का आरोप है कि ये कंपनियां फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस को उपकरण मुहैया करा रही हैं, जिनका इस्तेमाल रूस युद्ध में कर रहा है.
इनमें से ज्यादातर कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि कुछ कंपनियां विमान के पुर्जे, मशीन टूल्स आदि की आपूर्ति भी करती हैं.
अमेरिका ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनके विदेश, ट्रेजरी और वाणिज्य विभागों ने ये प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिकी विदेश विभाग ने रूसी रक्षा मंत्रालय पर प्रतिबंध लगाया है.
अमेरिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों और रक्षा कंपनियों पर राजनयिक प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. उनके मुताबिक, इस प्रतिबंध का मकसद तीसरे पक्ष के देशों को दंडित करना है.
America Banned Indian companies: भारतीय कंपनियों पर क्या आरोप हैं?
अमेरिकी विदेश विभाग ने 120 कंपनियों की सूची तैयार की है. इसमें चार भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं. इसमें उन पर लगे आरोपों का ब्यौरा भी दिया गया है.
इन चार कंपनियों में एसेंड एविएशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मास्क ट्रांस, टीएसएमडी ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड और फुटरेवो शामिल हैं.
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