India-Canada Relation: खालिस्तान (Khalistan) आतंकी और खालिस्तान टाइगर फोर्स चीफ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर है। मामले में अब अमेरिका (USA) की एंट्री भी हो गई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर (Matthew Miller) ने कहा कि कनाडा के आरोप गंभीर हैं और भारत को उसकी जांच में सहयोग करना चाहिए। मैथ्यू मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमने साफ कर दिया है कि कनाडा के आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है। हम चाहते थे कि भारत सरकार कनाडा और उसकी जांच में सहयोग करे लेकिन भारत ने एक वैकल्पिक रास्ता चुना।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब भारत और कनाडा के बीच तनाव पर अमेरिका (America) ने कोई टिप्पणी की है। पिछले साल जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था तो इस पर भारत की प्रतिक्रिया पर अमेरिका ने चिंता जताई थी। उस समय भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को वापस जाने को कह दिया था।
भारत ने 6 राजनयिकों को निष्कासित किया
बता दें कि में कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त और अन्य भारतीय राजनयिकों पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसके बाद भारतीय उच्चायुक्त और कुछ अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया गया और सोमवार (14 अक्टूबर) को कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा के राजनयिकों को 19 अक्टूबर को रात 11:59 बजे तक या उससे पहले भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
ये है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है। निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है, जबकि वो कनाडा का नागरिक था। पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गुरुद्वारे के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिछले साल 18 सितंबर को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था।
हालांकि, भारत ने हमेशा से ही कनाडा के इन बेतुका और बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया है। सोमवार को जब कनाडाई पुलिस ने भारतीय राजनयिक और कॉन्सुलर अधिकार सीधे तौर पर या एजेंटों के जरिए जानकारी जुटाने के लिए अपने पद का फायदा उठाते हैं। इसका मतलब हुआ कि कनाडा ने सीधे-सीधे भारतीय राजनयिकों को कटघरे में खड़ा कर दिया। बाद में ट्रूडो ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्हीं आरोपों को दोहराया। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे खारिज किया और साफ कहा कि ट्रूडो ऐसा वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रहे हैं। कनाडा के इन आरोपों के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया। भारत ने साफ कहा कि अब उन्हें कनाडा की मौजूदा सरकार पर भरोसा नहीं है।
अपने ही प्रधानमंत्री पर बरसे कनाडाई, ईरानी पत्रकार ने भी घेरा
भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद के बीच कनाडाई अपने ही प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। कनाडाई जर्नलिस्ट ने अपने ही देश के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा है। उन्होंने पीएम पर खालिस्तानी लोगों को खुश करने का आरोप लगाया है। वहीं ईरानी पत्रकार ने भी बिना सबूत भारत पर आरोप लगाने पर ट्रूडो सरकार को घेरा है।
कनाडाई पत्रकार ने पीएम जस्टिन ट्रूडो पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। डेनियल बॉर्डमैन नाम के एक जर्नलिस्ट ने ट्रूडो पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत के साथ तनाव बढ़ने के बाद जस्टिन ट्रूडो फिर से जनता को ठोस सबूत देने में विफल रहे है। इससे कनाडा को व्यापार में अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। उन्होंने ये सब खालिस्तानी लोगों को खुश करने के लिए किया है।
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