नई दिल्ली। अमेरिकी सेनेटर बर्नी सैंडर्स ने राष्ट्रपति बनने के चुनावी अभियान को खत्म करने की घोषणा की है। कैंपेन को विराम दे दिया है और इस तरह डेमोक्रेटिक पार्टी में पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन के डेमोक्रेटिक पार्टी के नॉमिनेटेड होने का रास्ता साफ हो गया है।
खुद को लोकतांत्रिक समाजवादी कहने वाले सैंडर्स ने शुरुआत में ने हेल्थ केयर और कामकाजी वर्ग के मुद्दे उठाकर अपने चुनाव की जमीन तैयार की करने में कामयाबी हासिल की थी।
डेमोक्रेटिक प्राइमरी में लंबे समय तक फ्रंट रनर रहने रहने के बाद वे हाल के कुछ हफ्तों में पिछड़ गए थे। तब बिडेन काफी पीछे चल रहे थे। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से एक-एक करके कई उम्मीदवारों ने अपना नाम सुपर ट्यूसडे- जिसमें कई राज्यों में एक साथ चुनाव हुए- से ठीक पहले और बाद में लिए। इसमें लोवा चुनाव बर्नी के साथ टाई करने वाले बुटिगिग और एमी प्रमुख हैं। इसके कुछ दिन बाद वारेन और तुलसी ने भी नाम वापिस लेकर बिडेन का समर्थन कर दिया।
2016 में भी बर्नी सेंडर्स हिलेरी क्लिंटन से राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी हासिल करने में पिछड़ गए थे। 2016 और 2020 में सैंडर्स का चुनावी नारा था – ” मैं नहीं,हम”. गौरतलब है कि इससे पहले यह नारा भारत मे इस्तेमाल तब हुआ था जब कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी 2014 के आम चुनावों में इसी नारे के साथ नरेंद्र मोदी के खिलाफ उतरे थे।
हाल के कुछ हफ्तों से कोरोना के फैलाव के बाद सैंडर्स लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए ऑनलाइन कैंपेन कर रहे थे।
हाल के वर्षों में वाली सैंडर्स सबसे ज्यादा वामपंथ की ओर झुके हुए अमेरिका के उम्मीदवार थे। सैंडर्स ने अपने कैंपेन में हेल्थ केयर फॉर ऑल, फ्री पब्लिक कॉलेज, न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी और अमीरों पर टैक्स बढ़ाने जैसे मुद्दे उठाए थे।
वामपंथी होने के बाद भी सैंडर्स ने युवाओं के बीच जैसी लोकप्रयिता हासिल की, उसने अमेरिका के बड़े अमीरों और कॉरपोरेट्स की नींदें उड़ा दी थी। लेकिन चुनाव अभियान में वे दक्षिण के राज्यों में बेहद महत्वपूर्ण अफ्रीकन-अमेरिकन का विश्वास हासिल नहीं कर पाये।
लाइव स्ट्रीम में सैंडर्स ने अपने समर्थकों से कहा कि चुनावी अभियान को खत्म करना बहुत ही मुश्किल और दुखदाई था जबकि उनके कई समर्थक चाहते थे कि वे आखिरी राज्य के चुनाव होने तक वह लड़ते रहे।
उन्होंने कहा कि अब नॉमिनेशन हासिल करना संभव नहीं लगता है वरना वे निश्चय ही लड़ाई जारी रखते।
सैंडर्स ने कहा कि उनका कैंपेन अमेरिकी चेतना को बदलने के लिहाज से महत्वपूर्ण था कि क्या किस तरह का देश हम बन सकते हैं। उनके अभियान के साथ इस देश ने आर्थिक न्याय, सामाजिक न्याय, नक्सलवादी न्याय और पर्यावरणीय न्याय पाने की लड़ाई आगे बढ़ाई है।
सैंडर्स ने कहा कि पूरे देश में उनके कैंपेन ने न केवल 30 साल या उसके कम उम्र के लोगों में बल्कि 50 साल तक के वोटरों में भी पैठ बनाई है। उन्होंने कहा कि इस देश का भविष्य अब हमारी योजनाएं हैं। उन्होंने बिडेन को बधाई देते हुए कज वह प्रगतिशील योजनाओं के मसले पर उनका सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी वह जिन राज्यों में चुनाव शेष हैं, उन राज्यों के चुनावी बैलट में वे मौजूद रहेंगे जिससे डेलीगेट्स लामबंद किये जा सकें। उन्होंने कहा कि एक साथ खड़े होकर हमे डोनाल्ड ट्रंप को हराना है जो आधुनिक अमेरिकन इतिहास के सबसे खतरनाक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराना है।