पाकिस्तान-भारत तनाव के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसद की स्थायी समिति के सामने सोमवार को सीजफायर में ट्रंप की भूमिका और पाकिस्तान, तुर्की से साथ तनावपूर्ण संबंधों समेत कई मुद्दों पर अपनी बातें रखीं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत-पाक के बीच मध्यस्थता को लेकर किए जा रहे ट्रंप के दावे सही नहीं हैं।

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‘सीजफायर में ट्रम्प की कोई भूमिका नहीं’

बैठक के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने समिति को संबोधित करते हुए सीजफायर समेत कई अहम मुद्दों पर भी प्रकाश डाला। मिस्री ने संसदीय समिति को बताया कि, ‘सीजफायर एग्रीमेंट में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।’ उन्होंने कहा, ‘ट्रंप ने सीजफायर के बीच में आने के लिए हमसे कोई अनुमति नहीं ली थी, वो आना चाहते थे, इसलिए आ गए।’

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‘1947 से ही हमारे पाकिस्तान के साथ रिश्ते खराब’

पाकिस्तान को लेकर उन्होंने दो टूक कहा, ‘1947 से ही हमारे पाकिस्तान के साथ रिश्ते खराब रहे हैं।’ हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच लगातार संवाद होता रहता है। इसके अलावा, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह भी दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव पारंपरिक हथियारों तक ही सीमित रहा और पाकिस्तान की तरफ से परमाणु हमले का कोई इशारा या धमकी नहीं मिली है।

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समिति ने की मिस्री और उनके परिवार पर हुए साइबर हमले की कड़ी निंदा

इसके अलावा संसद की स्थायी समिति ने सोमवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार पर हुए साइबर हमले की कड़ी निंदा करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। समिति ने इस साइबर हमले को अस्वीकार्य और दुर्भावनापूर्ण करार दिया।

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तुर्की से संबंध पर बोले – ‘हम कभी करीबी साझेदार नहीं रहे

तुर्की से संबंधों पर बात करते हुए मिस्री ने कहा, ‘हमारे तुर्की से कभी बुरे रिश्ते नहीं रहे, लेकिन हम कभी करीबी साझेदार भी नहीं रहे। तुर्की के साथ किसी भी संघर्ष में व्यापार का कोई उल्लेख नहीं मिलता।’

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