नई दिल्ली। अमेरिका ने आखिरकार 19 साल, 10 महीने और 25 दिनों के बाद अफगानिस्तान को छोड़ दिया है. दो दशकों की लड़ाई लड़ने के बाद अमेरिका को एक बड़ी हार मिली है. इसके बाद अफगानिस्तान से लौट जाना मुनासिब समझा. सोमवार देर रात को अमेरिका का आखिरी विमान काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरा. एयपोर्ट खाली होते ही तालिबान के लड़ाकों ने जमकर जश्न मनाया. काबुल की सड़कों पर तालिबान द्वारा हवाई फायरिंग की गई.

अमेरिका के काबुल छोड़ने के बाद अब काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान का कब्जा हो गया है. अब किसी को देश से बाहर जाना है, तो तालिबान की इजाजत के बाद ही जाना होगा. अफगानिस्तान पर अब तालिबान का पूरी तरह कंट्रोल है.

यही कारण है कि करीब 20 साल की इस लड़ाई का जश्न मनाने में तालिबान ने कोई कसर नहीं छोड़ी. अमेरिका के वापस लौटते ही नॉनस्टॉप हवाई फायरिंग की गई और जश्न मनाया गया. सिर्फ फायरिंग ही नहीं तालिबान की ओर से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पटाखे भी जलाए गए और आसमान को रोशन कर दिया गया.

तालिबान ने अमेरिका के वापस लौटने पर बयान भी दिया है. कहा गया है कि 20 साल तक हमारे लोगों को मारने, हजारों लोगों को घायल करने और आर्थिक नुकसान पहुंचाने के बाद आखिरकार अमेरिका यहां से वापस लौट गया है. तालिबान ने ऐलान किया कि अब अफगानिस्तान पूरी तरह से आज़ाद है.

बता दें कि 2001 में ओसामा बिन लादेन को मारने से इरादे से अमेरिका ने अफगानिस्तान में कदम रखे थे. तब से लेकर अबतक वो वहां पर ही था और तालिबान-आतंकवाद को खत्म करने की लड़ाई लड़ रहा था. हालांकि, अमेरिका इसमें सफल नहीं हो पाया और अब तालिबान अफगानिस्तान पर राज कर रहा है.

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