America, Moon mission, NASA: प्रक्षेपण स्थल पर बिजली गिरने की घटना के बावजूद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का ‘मून रॉकेट’ (Moon Rocket News) सोमवार को रवाना होने की राह पर है. 322 फुट का यह स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट (Space Launch System rocket) नासा (Moon Rocket Latest News) द्वारा बनाया गया है, अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है.

यह नासा के ‘अपोलो’ मिशन (NASA ‘Apollo’ mission) के लगभग आधी सदी बाद एक खाली ‘क्रू कैप्सूल’ को चंद्र कक्षा में भेजने के लिए तैयार है. अपोलो मिशन के दौरान 12 अंतरिक्ष यात्री चांद पर उतरे थे.

6 सप्ताह की यह परीक्षण उड़ान अगर ठीक रही तो अंतरिक्ष यात्री कुछ ही वर्षों में चांद पर लौट सकते हैं. हालांकि, नासा के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जोखिम अधिक है और उड़ान की अवधि कम हो सकती है.

नासा (NASA) के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि शनिवार की आंधी के दौरान नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर (NASA Kennedy Space Center) में रॉकेट और कैप्सूल को कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अन्य उपकरणों को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है.

उल्लेखनीय है कि नासा का आर्टेमिस-1 मिशन (NASA Artemis-1 mission) करीब आधी सदी के बाद इंसानों को वापस लाने की दिशा में एक अहम कदम की ओर बढ़ रहा है. इस मिशन को 29 अगस्त 2022 को लॉन्च किया जाना है. यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (NASA Space Launch System) और ओरियन क्रू कैप्सूल के लिए एक महत्वपूर्ण यात्रा होने जा रही है.

यह अंतरिक्ष यान चंद्रमा (moon spacecraft) पर जाएगा, कुछ छोटे उपग्रहों को कक्षा में गिराएगा और खुद को कक्षा में स्थापित करेगा. नासा (NASA) का उद्देश्य अंतरिक्ष यान संचालन में प्रशिक्षण प्राप्त करना और चंद्रमा के चारों ओर अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अनुभव की जाने वाली स्थितियों की जांच करना है.

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