वाशिंगटन। ट्विटर ने ट्वीट को भ्रामक क्या बताया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म को मिली छूट को हटाने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए. इसके साथ ही सोशल मीडिया को पोस्ट किए जाने वाली सामग्री को लेकर मिली छूट खत्म हो गई है.

कार्यकारी आदेश से अमेरिका की कम्युनिकेशन डिसेंसी एक्स की धारा 230 की धार कमजोर पड़ गई है. यह धारा वेबसाइट को उपयोगकर्ताओं के कमेंट पर किसी भी प्रकार के वैधानिक कार्रवाई से बचाती है.

आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि मुक्‍त भाषण की रक्षा के लिए यह कदम जरूरी था. सोशल मीडिया एक विचारों वाले संपादक बन गए हैं, जो फ्री स्पीच के लिए सही नहीं है. यह एक तरह से ऐसा है कि आपकी फोन पर किसी से बातचीत को फोन कंपनी सेंसर करने लग जाए. आज सोशल मीडिया फोन कंपनियों से कहीं ज्यादा रुतबा रखती हैं. ऐसे में यह कदम फ्री स्पीच को बरकरार रखने के लिए जरूरी है.

बता दें कि ट्विटर के लोगों के ट्वीट को लेकर समय-समय पर सेंसर किए जाने, यूजर को ब्लॉक किए जाने को लेकर केवल अमेरिका में ही नहीं बल्कि भारत में भी काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा उठाया गया कदम भारत में ट्विटर के बर्ताव में क्या असर डालता है, देखने लायक होगा.