रायपुर- भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया. उसेंडी ने कहा है कि जनेऊ धारी ढोंगी राहुल गांधी को जब अमेठी के हिन्दुओं ने नकार दिया तो केरल की ऐसी सीट से चुनाव लड़ने पहुंच गए जहां की 51 फीसदी आबादी अल्पसंख्यक हैं. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की जीत पर इतराते हुए देश की सत्ता पर काबिज होने का ख्वाब देखने वाले राहुल गाधी में अगर अपनी सरकारों के प्रति तनिक भी भरोसा होता तो वे इनमें से किसी भी राज्य में चुनाव लड़ सकते थे.

उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को देश के हिन्दुओं पर भरोसा नहीं है, इसलिए उन्होंने अपने लिए ईसाई-मुस्लिम बहुल क्षेत्र में सुरक्षित ठिकाना तलाशा. प्रधानमंत्री बनने के लिए दिन रात सपने देख रहे राहुल गांधी के लिए इससे शर्मनाक बात क्या होगी कि वे चुनाव जीतने के लिए मंदिर-मंदिर माथा टेकने का ढोंग करते हैं. जनेउ पहनकर खुद को हिन्दु बताते हैं और पता नहीं कहा से गोत्र भी तलाश कर हिन्दुओं के बीच स्वीकार्यता की जुगत भिड़ाते नजर आते हैं, लेकिन खुद संसद पहुंचने के लिए ऐसी सीट चुनते हैं जहां हिन्दुओं की आबादी निर्णायक भूमिका में नहीं है.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अच्छी तरह जानते हैं कि देश की बहुसंख्यक जनता उन पर भरोसा नहीं करती, इसलिए तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष को अल्पसंख्यक बहुलता वाली सीट पर अपना भविष्य दिखाई दिया. उसेंडी ने कहा कि यह देश के हिन्दुओं का अपमान है कि खुद को जनेऊधारी हिन्दू बताने वाले राहुल गांधी अमेठी की हिन्दू आबादी की उपेक्षा करके वायनाड पहुंच गए.