रायपुर। आईपीएस रतनलाल डांगी पर लगे यौन शोषण के आरोप के बीच एक नई जानकारी सामने आई है. पता चला है कि आईपीएस डांगी ने आरोप लगाने वाली सब इंस्पेक्टर की पत्नी के विरुद्ध डीजीपी अरुण देव गौतम को पूरे घटनाक्रम का 14 बिंदुओं में ब्यौरा उसकी शिकायत के पहले ही दे दिया था. इस चिट्ठी में उन्होंने महिला और इसमें शामिल अन्य अज्ञात लोगों पर ब्लैक मेलिंग, मानसिक प्रताड़ना, आपराधिक धमकी समेत कई आरोप लगाए हैं.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आईपीएस रतनलाल डांगी ने डीजीपी को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि एक दिन वो (सब इंस्पेक्टर की पत्नी) मेरे कार्यालय में जहर की शीशी हाथ में लेकर पहुंची एवं मुझसे मेरे तीनों बेटों और माँ की कसम खिलवाई कि मैं अपनी पत्नी से कोई संबंध नहीं रखूँगा.
आईपीएस डांगी ने पत्र के जरिए बताया कि महिला की शर्तें रखी थीं कि मैं अपनी पत्नी के साथ न बैठूंगा, न बात करूंगा. उसे अपनी गाड़ी में कहीं नहीं ले जाऊँगा, न कोई खरीदारी कराऊँगा. यही नहीं उसे व्हाट्सएप्प पर ब्लॉक करूँगा, न कॉल करूँगा, न रिसीव करूँगा. उसके साथ कोई तस्वीर नहीं खिंचवाऊँगा और न ही जन्मदिन या सालगिरह मनाऊँगा. यहां तक अपनी पत्नी के मायके नहीं जाऊंगा. इसके अलावा अपनी पत्नी के कमरे में न सोकर रात 10 बजे के बाद घर की बालकनी में सोऊँगा और वहाँ से 8 घंटे की लाइव लोकेशन भेजूँगा इसके अलावा लाइट जलाकर वीडियो कॉल पर दिखाऊँगा कि वहाँ कोई और नहीं है. सुबह 5 बजे से वीडियो कॉल चालू रहेगा, जिसे केवल महिला ही काट सकेगी. परिवार के किसी भी सदस्य, यहाँ तक कि अपने बेटों से भी बिना उसकी अनुमति के बात नहीं करूँगा.
आईपीएस रतनलाल डांगी ने डीजीपी को लिखी चिट्ठी में आगे लिखा है , ‘महिला ने यह दबाव बनाया था कि घर एवं कार्यालय के वॉश रूम जाते समय, स्नान करते समय, वर्क आउट करते समय भी वीडिओ कॉल मोबाइल पर चालू रहना चाहिए जिससे यूरिन करते हुए, नहाते हुए दिखे, नहाकर तैयार होने के लिए 20 मिनट और खाना खाने के लिए 12-15 मिनट ही मिलेंगे.’
डांगी ने डीजीपी को भेजे चिट्ठी में लिखा है कि, ‘आरोपी महिला ने इसी दबाव का फायदा उठाकर मेरे वॉश रूम में यूरिन करते समय के एवं बाथरूम के निजी पलों के स्क्रीन शॉट लेकर दिखाकर ब्लैकमेलिंग कर कहा कि यदि मैं उसके कहे अनुसार न चलूँगा तो ये फोटोग्राफ वायरल कर दूँगी। डीजीपी साहब को शिकायत कर दूँगी. इसके बाद उसने उन तस्वीरों और आपसी बातचीत के छेड़छाड़ किए हुए चैट के स्क्रीनशॉट्स का उपयोग कर मुझे ब्लैकमेल करना और धमकाना प्रारंभ कर दिया.’
आईपीएस डांगी ने चिट्ठी में यह भी लिखा है कि, ‘जब उसकी इस इन हरकतों का विरोध किया और उसके पति को सब कुछ बता देने की चेतावनी दी, तो उसने मुझ पर दबाव बनाने के लिए अपने हाथ को ब्लेड से काटकर उसकी तस्वीरें मुझे भेजीं. वह वीडियो कॉल पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या करने का नाटक करती थी, ताकि मैं डरकर उससे कोई भी संबंध तोड़ने की हिम्मत न कर सकूँ. वह मुझ पर अपने बच्चों और माँ की झूठी कसम खाने का दबाव बनाती थी, ताकि उसे मेरे ऊपर नियंत्रण बनाये रखने का यकीन हो सके. महिला ने यह भी धमकी दी थी कि मेरे कहने से आपने जिन-जिन लोगों की मदद किया था, उनसे मैंने रुपये वसूली किया था, जिससे मैंने अपना नया घर खरीदा, दो गाड़ियां लिया था, भविष्य में अपनी बच्ची की शादी के लिए गहने बनवाए, उन सबका झूठा रिकार्ड आपके नाम बनाकर फंसा दूँगी. जब मैंने बोला कि मुझे तो कभी बताए ही नहीं की तुमने वसूली जैसा काम भी किया था तो बोली यदि ऐसा न करती तो जिंदगी भर किराये के मकान में रहना पड़ता, मेरा घर कैसे बनता, गाड़ी, जेवर कैसे बनते, बच्चों की सालाना लाखों की स्कूल फीस, कोचिंग फीस एक सब इन्स्पेक्टर कहाँ से पटाता. आप मूर्ख बने यह तो आपकी गलती थी.’
आईपीएस डांगी ने लिखा है कि, ‘वह जब भी मेरे कार्यालय चंदखुरी आती थी तो अपने साथ जहर की एक शीशी लेकर आती और उसे टेबल पर रखकर धमकी देती कि यदि मैंने उसकी कोई भी बात नहीं मानी, तो वह यहाँ ही जहर पीकर मुझे झूठे मामले में फँसा देगी और जेल भिजवा देगी. उसकी इन धमकियों एवं भय और आतंक के कारण मैं उसकी सभी अनुचित माँगें पूरी करने लगा. उसने मुझ पर दबाव डालकर मेरी पत्नी के साथ मेरा घूमना, योग करना और साथ में बाजार जाना पूरी तरह से बंद करवा दिया.’
आगे चिट्ठी में आईपीएस रतनलाल डांगी लिखते हैं, ‘जब मेरी माँ एम्स में कैंसर का इलाज करवाने भर्ती थी तब भी दबाब डालती थी की मैं अपनी पत्नी को साथ में अपनी गाड़ी में नहीं ले जाऊँ. यदि ले गए तो अंजाम भुगतने तैयार रहे. यहाँ तक की सितंबर माह में मेरी बहन की आकस्मिक मृत्यु होने पर भी उसने धमकाया की यदि मैं अपनी पत्नी को राजस्थान से अपने साथ में लाया तो वो आत्महत्या करके मुझे जेल भिजवा देगी. साथ ही यह सब न मानने पर उसने वॉशरूम / बाथरूम की ली गई तस्वीरें, मेरे बेटों को, मेरी समधी मंत्री को तथा मेरी बहू को भेजकर मेरे बड़े बेटे का तलाक करवाने की धमकी भी दिया करती थी. महिला की इन धमकियों के कारण मैं इस वर्ष पुलिस मेस में आयोजित होली मिलन समारोह में आपके द्वारा आयोजित डिनर पार्टी में अपनी पत्नी को साथ भी नहीं ला पाया था. इन सब कारण से मैं विगत दो वर्षों से अपने ही घर में अपनी पत्नी और बच्चों से अजनबियों जैसा व्यवहार करने पर मजबूर था, जिससे मैं और मेरा पूरा परिवार गंभीर मानसिक अवसाद से गुजर रहे थे. यहां तक करवा चौथ के दिन उसने वीडियो कॉल पर जहर की शीशी दिखाकर मुझे धमकी दी कि यदि मैं छत पर अपनी पत्नी के साथ पूजा में शामिल हुआ तो वह आत्महत्या कर लेगी. उसके डर से मैं नहीं गया, जिस कारण मेरी पत्नी को गहरा आघात लगा.’
डीजीपी से की गई अपनी शिकायत में रतनलाल डांगी ने यह भी लिखा है कि, ‘जब मैंने उसकी अनुचित माँगें मानने से इनकार किया और अपना फोन फ्लाइट मोड पर डाल दिया, तो उसने मेरे बेटे को फोन कर धमकाया और मेरे चरित्र पर अनर्गल आरोप लगाए. उसी दौरान जब मैंने उसके पति से संपर्क करने का प्रयास किया, तो उसके फोन पर भी उसकी पत्नी की ही आवाज आ रही थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि इस षड्यंत्र में उसका पति भी बराबर का भागीदार है. इस तनाव के कारण मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई और हमें अस्पताल जाना पड़ा. इसी बीच आरोपी महिला मेरे घर पहुँची और कर्मचारियों के मना करने के बावजूद जबरन घर में घुस गई. उसने मेरे स्टाफ को कुछ अश्लील तस्वीरें दिखाकर मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास किया और जोर-जोर से चिल्लाकर हंगामा किया. बाद में पता चला कि उसने मेरे कई जान-पहचान वालों को भी फोन कर मेरे बारे में अपमानजनक बातें कहीं.’
अतः में आईपीएस डांगी ने डीजीपी से निवेदन किया है कि इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, आरोपी महिला तथा इस षड्यंत्र में शामिल अन्य सभी अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भयदोहन (ब्लैकमेलिंग), मानसिक प्रताड़ना, आपराधिक धमकी, जबरन घर में घुसना एवं मानहानि जैसी उचित धाराओं के अंतर्गत FIR दर्ज कर तत्काल कठोर कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि मुझे और मेरे परिवार को इस मानसिक यंत्रणा से मुक्ति मिल सके और हमें न्याय प्राप्त हो.
उन्होंने अपनी चिट्ठी में यह बताया है कि ‘ इस संबंध में मेरे पास साक्ष्य उपलब्ध न रहे इसलिए चैट के तत्काल डिलीट करके स्क्रीन शॉट न भेजने पर भी धमकी देती थी, इसलिए मेरे 13-10-25 के पहले के डिजिटल साक्ष्य (चैट, तस्वीरें, वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग आदि) उपलब्ध नहीं हैं, जिन्हें आरोपी के मोबाइल की फोरेंसिक जांच से प्राप्त किया जा सकता है.’
सब-इंस्पेक्टर की पत्नी ने लगाया है आरोप
बता दें कि 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. एक सब इंस्पेक्टर की पत्नी ने इस मामले की शिकायत उच्च पदस्थ अधिकारियों से की है. आरोप है कि रतनलाल डांगी बीते सात सालों से पीड़िता का उत्पीड़न कर रहे हैं. इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक स्तर पर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, हालांकि, अब तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
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