Flights के रद्द होने के बाद Indian Railway ने बड़ा कदम उठाया है. 37 Trains में 116 Additional Coaches,114 अतिरिक्त फेरे और 4 Special Trains चलाईं है.देशभर में इंडिगो और कई अन्य एयरलाइंस की उड़ानें रद्द होने के बाद अचानक लाखों यात्री रेलवे की ओर उमड़ पड़े. बढ़ती भीड़ और टिकटों की भारी मांग को देखते हुए भारतीय रेलवे ने तत्काल कदम उठाया है. 6 दिसंबर 2025 से रेलवे ने कई रूटों पर अतिरिक्त कोच लगाने और अतिरिक्त फेरे चलाने का फैसला लागू कर दिया. इससे यात्रियों को भारी राहत मिलनी शुरू हो गई है.उड़ान रद्द होने का सबसे बड़ा असर South India में दिखा, जहां रेलवे ने क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष तैयारी की. दक्षिण रेलवे ने 18 Trains में नए कोच लगाए हैं. कई लोकप्रिय मार्गों पर Sleeper और Chair Car की संख्या बढ़ाकर यात्रियों को अतिरिक्त सीटें उपलब्ध करवाई गईं. इससे बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों की यात्रा फिर से सुचारू होने लगी है.
दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या सबसे अधिक होने के कारण North Railway ने 8 मुख्य ट्रेनों में अतिरिक्त AC और Chair Car लगाए. यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है. इससे पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के यात्रियों को विशेष राहत मिल रही है.उड़ानें रद्द होने के कारण Delhi and Mumbai के बीच यात्रा बेहद मुश्किल हो गई थी. इसी को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने 4 प्रमुख ट्रेनों में 3AC और 2AC कोच जोड़े हैं. 6 दिसंबर से नई व्यवस्था लागू होने के बाद इस व्यस्त रूट पर हजारों यात्रियों को सीट मिलने लगी है.
पूर्व मध्य रेलवे ने पटना से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए खास कदम उठाया है. राजेंद्र नगर–नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में 6 से 10 दिसंबर तक पांच अतिरिक्त फेरे चलाए जा रहे हैं. इसके साथ ट्रेन में 2AC कोच की संख्या भी बढ़ा दी गई है, जिससे पटना–दिल्ली मार्ग की सीटों पर सबसे अधिक दबाव कम हुआ है.
ओडिशा से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए ईस्ट कोस्ट रेलवे ने 20817, 20811 और 20823 नंबर की ट्रेनों में 5 फेरों के दौरान 2AC कोच जोड़े हैं. दूसरी ओर ईस्टर्न रेलवे ने 7 और 8 दिसंबर को तीन मुख्य ट्रेनों में स्लीपर कोच बढ़ाए हैं. पूर्वोत्तर के यात्रियों के लिए नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने 6 से 13 दिसंबर के बीच आठ-आठ अतिरिक्त फेरों के साथ 3AC और स्लीपर सीटों में बड़ी बढ़ोतरी की है.
फंसे हुए यात्रियों को निकालने और लंबी दूरी की यात्रा को आसान बनाने के लिए रेलवे ने 4 विशेष ट्रेनें चलाई हैं. इनमें गोरखपुर–आनंद विहार स्पेशल, नई दिल्ली–मुंबई सेंट्रल स्पेशल, नई दिल्ली–श्रीनगर क्षेत्र के लिए वंदे भारत स्पेशल और हज़रत निज़ामुद्दीन–तिरुवनंतपुरम स्पेशल शामिल हैं. कई ट्रेनें एकतरफा थीं, जिनका उद्देश्य सिर्फ यात्रियों को राहत देना था.
उड़ानें रद्द होने के बाद जिस तरह अचानक टिकटों की मांग कई गुना बढ़ी, उससे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और पटना जैसे बड़े शहरों में लोग परेशान हो गए थे. ऐसे समय में रेलवे का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ है, क्योंकि हजारों अतिरिक्त सीटों की उपलब्धता ने यात्रियों को एक सुरक्षित विकल्प प्रदान किया.
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