आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने का अभियान अब सफल होता दिख रहा है। बीते दिनों माओवादी संगठन में फूट साफ दिखाई दी थी। केंद्रीय प्रवक्ता अभय के युद्धविराम प्रस्ताव और तेलंगाना स्टेट कमेटी के उसे खारिज करने के बयान ने संगठन में मतभेद उजागर कर दिया था। वहीं अब माड़ डिवीजन कमेटी ने भी हथियार छोड़ने और सशस्त्र संघर्ष विराम का समर्थन करने का संकेत दिया है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) माड़ डिवीजन की सचिव सणीता ने जारी प्रेस नोट जारी कर सशस्त्र संघर्ष विराम का समर्थन किया है। सणीता ने कहा कि पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू द्वारा संघर्ष त्यागने के फैसले का माड़ डिवीजन स्वागत करता है। प्रेस नोट में यह भी स्वीकार किया गया है कि क्रांतिकारी आंदोलन में जरूरी बदलाव करने में केंद्रीय समिति विफल रही है।

सणीता ने केंद्र और राज्य सरकार से भरोसा दिलाया है कि माड़ इलाके में अब कोई गैर कानूनी गतिविधि नहीं की जाएगी। साथ ही माओवादी कमेटी ने फोर्स के ऑपरेशन स्थगित करने की मांग भी की है। यह बयान माओवादी संगठन के भीतर जारी आत्ममंथन और बदलती रणनीति का बड़ा संकेत माना जा रहा है।