रायपुर- कोरोना दुनिया में सिर्फ महामारी लेकर नहीं आया, बल्कि इसने मानवता की अनूठी तस्वीरों से दुनिया को वाकिफ भी कराया है. कोरोना संकट की वजह से गरीब और मजदूर तबके के लोगों की बेपटरी हो चुकी जिंदगी में उम्मीदों की रोशनी बनकर सैकड़ों हाथ उठ खड़े हुए, जिन्होंने मुफलिसी के साये में बेजान होती सांसों को सहारा दिया. भूख से बिलखते बच्चे के हलक को निवाला मुहैया कराया, तो वहीं माथे पर पड़ने वाली सिकन की सलवटों को दूर कर ये महसूस कराया कि ‘आशाएं’ हैं, तो सब कुछ है.
रायपुर की समाजिक संस्था ‘आशाएं’ लाॅकडाउन में जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने में जुटी है. कोरोना की वजह से सब कुछ थम जाने के साथ ही हर रोज कमाने-खाने वाले तबके के सामने भूख की धधकती आग को शांत करने का बीड़ा इस संस्था ने उठा रखा है. लाॅकडाउन के बाद से ही संस्था जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने के काम में जुट गई थी. 29 मार्च से शुरू हुआ यह सफर अब तक जारी है. संस्था ने कहा है कि जब तक लोग लाॅकडाउन से नहीं उबरते तब उन्हें राहत दी जाती रहेगी. आशाएं संस्था कई समाजिक संगठनों के लिए एक नजीर भी बनी. धीरे-धीरे जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का एक बड़ा कारवां बन गया.
‘आशाएं’ न केवल भूखे को खाना खिला रही है, बल्कि अब सूखे राशन का पैकेट भी मुहैया करा रही है. कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव रोके जाने के लिहाज से मास्क और सेनिटाइजर का भी वितरण कर रही है. साथ-साथ लोगों के बीच जनजागरूकता फैलाने की कवायद भी की जा रही है. आलम यह है कि संस्था की पहल से गरीब तबके की जरूरत पूरी होने के साथ-साथ कोरोना वारियर्स की एक बड़ी फौज भी खड़ी हो रही है, जो संस्था की ओर से शुरू किए गए जागरूकता अभियान का हिस्सा बन रहे हैं.
संस्था के अध्यक्ष यश टुटेजा ने कहा कि-
पहले हम खुद ही अलग-अलग स्थानों में जाकर लोगों को खाना खिला रहे थे, लेकिन अब जिला प्रशासन की मदद से राहत भेजी जा रही है. रोजाना हजारों फूड पैकेट्स भेजे जा रहे हैं. जहां से राशन नहीं होने या राशन खरीदने के लिए पैसे नहीं होने की खबर आती है, वहां सूखा राशन पहुंचाया जाता है. वहां जाकर टीम 15 दिन का सूखा राशन देती है. हमारी मंशा सिर्फ इतनी है कि इस संकट के समय कोई भूखा न रहे. संस्था ने अब तक किसी से आर्थिक सहयोग नहीं लिया है.
‘आशाएं’ संस्था ने अब तक रायपुर में साढ़े पांच हजार फूड पैकेट्स जरूरतमंदों तक पहुंचाए हैं. संस्था की इस पहल में रायपुर पुलिस भी सहायता कर रही है. पुलिस के जरिए ही इन फूड पैकेट्स का वितरण किया जाता है. बीते दिनों समाजिक संस्थाओं द्वारा प्रत्यक्ष सहायता न देकर प्रशासन के जरिए सहायता दिलाने की कवायद के चलते शुरू की गई डोनेशन आन व्हील्स में संस्था ने 400 किलो चावल, 250 किलो आटा, 200 किलो आलू, 200 किलो प्याज और 30 लीटर खाने का तेल की चैरिटी की थी. संस्था के गुरप्रीत सलूजा, संदीप माखीजा, परवेज़ फ़ारूक़ी, अशोक सुराना, पीयूष भाटिया, सौरभ जैन, उमेर ढेबर, धीरज सेठिया, शौर्यादित्य सिंह, कुँवर प्रवीण सिंह, मोहम्मद ज़फ़र, सौरभ अग्रवाल, राहुल गज्जलवार, तरनजीत सिंह होरा, मुकेश मुठरेजा, आदित्य बुधिया, सोमी टुटेजा, नैना होरा, जसलीन होरा,आयुशा राजपाल, अनुश्री टुटेजा, कारन राजपाल, रिशब साहू समेत करीब 300 सदस्य इन दिनों राहत कार्य में अपनी मदद दे रहे हैं.