रायपुर- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बिजली सप्लाई के बहाने भूपेश बघेल सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने प्रदेश में बिजली सप्लाई हाफ करने का आरोप लगाया है. अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली की वार्षिक खपत 407 करोड़ यूनिट है, जबकि उत्पादन 209 करोड़ यूनिट है. मतलब लगभग 200 करोड़ यूनिट की सालाना कमी है. जैसे-जैसे गर्मी बड़ रही है, भूपेश बघेल सरकार ने बिजली बिल के बजाय बिजली सप्लाई हाफ़ कर दिया है. इस पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग करती है.

https://twitter.com/amitjogi/status/1124758014550892545

अमित जोगी के हमले के बाद पॉवर कंपनी ने जवाब दिया है. पाॅवर कंपनी के अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विद्युत की मांग में साल दर साल वृद्धि दर्ज हो रही है. मांग की तुलना में बिजली की उपलब्धता औसतन अधिकतम ही रही है. केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण नई दिल्ली ने रिपोट के मुताबिक छत्तीसगढ़ विद्युत उपलब्धता के मामले में अग्रणी है यहा 99.98 प्रतिशत बिजली उपलब्ध रही है.

आगे उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 में बिजली की मांग 3800 मेगावाॅट थी यह 1 वर्ष के भीतर अप्रैल 2019 में 4500 मेगावाॅट तक जा पहुंची है. बिजली के मांग में गत 1 वर्ष के भीतर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

शैलेन्द्र कुमार शुक्ला ने जानकारी दी कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन कार्यरत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए.) नई दिल्ली द्वारा देश भर के राज्यों की विद्युत की आश्यकता एवं आपूर्ति का प्रतिवेदन तैयार किया गया है. जिसमें छत्तीसगढ़ में अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 26130 मिलीयन यूनिट की आवश्यकता बताई गई तथा इसके विपरीत 26076 मिलीयन यूनिट की उपलब्धता बताई गई है. केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बिजली की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने बताया कि देशभर के राज्यों को विद्युत प्रणाली के आधार पर पूर्वी पश्चिमी उत्तरी दक्षिण तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में विभाजित किया गया है. इन पांच क्षेत्रों में से पश्चिम क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राज्य शामिल है, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा तैयार किये गए रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि देश भर के इन 05 विद्युत क्षेत्रों में पश्चिम क्षेत्र बिजली की उपलब्धता की दृष्टि से अग्रणी बना हुआ है. वहीं पूर्वी क्षेत्र में 0.7 प्रतिशत, उत्तरी क्षेत्रों में 1.4 प्रतिशत, दक्षिण क्षेत्र में 0.1 प्रतिशत और उत्तर -पूर्वी क्षेत्र में 2.8 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है.