सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। विधानसभा का मानसून सत्र का आज से आगाज हो गया है। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी विधानसभा में शामिल नहीं हो रहे हैं। अमित जोगी ने इसके लिए दुख भी जताया है।

अमित जोगी इसे लेकर काफी भावुक हैं। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा सदन स्वर्गीय पिता जी अजीत जोगी को श्रद्धांजलि दे रहा है उस समय में दर्शक दीर्घा में बैठ कर उन्हें सुन नहीं पा रहा हूँ क्योंकि लगातार दूसरे दिन मैं उपवास में बैठा हूँ। सदन के सदस्यों से यही मांग करूंगा कि अगर असली में जोगी जी को श्रद्धांजलि देना चाहते है तो जो प्रदेश के बेरोजगार साथी हैं उनको नौकरी दे,  जो कर्मचारी है उनका नियमितीकरण करें। जो वादे उन्होंने अपने जन घोषणापत्र में किए थे जो वादे मेरे पिता ने अपने शपथ पत्र में शपथ ली थी, उनको पूरा करें। वह असली में जोगी जी को श्रद्धांजलि होगी।

भूख हड़ताल को लेकर अमित जोगी ने कहा कि मैं तो शुरु से ही आशावादी रहा हूं, मुझे आज भी उम्मीद है कि सरकार के कानों तक हमारी बात जो है वह पहुंचेगी और ठोस कदम उठाएंगे। बार-बार यह कहा जाता है सरकार की तरफ से कि अभी वित्तीय संकट है कोरोना चल रहा है। जब इस दौरान शराब की दुकानें चल सकती है, होम डिलीवरी हो सकती है, निगम मंडल आयोग के अध्यक्षों की नियुक्ति हो सकती है, संसदीय सचिवों की नियुक्ति हो सकती है तो नौकरी और नियमितीकरण क्यों नहीं हो सकती? कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। मुख्यमंत्री जी को केवल एक दस्तखत करना है उनके पास पूरा शासन है, पूरा शासन का खजाना भरा पड़ा है। मुझे लगता है कि उनके पास अगर कुछ नहीं है तो शायद वह एक पेन नहीं है जिससे वह दस्तखत कर सकें। निवेदन करूंगा कि आपको जल्द दस्तखत करना चाहिए जिससे लाखों लोगों को जिंदगी बदल जाएगी।