रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को लेकर हाईपावर कमेटी के फैसले से प्रदेश की राजनीति में आया भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अमित जोगी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय द्वारा अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए बिलासपुर कलेक्टर के ऊपर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। अमित जोगी ने कहा कि बौखलाहट में नंदकुमार साय अपने उच्च, गरिमायुक्त और संवैधानिक पद का दुरूपयोग कर असंवैधानिक और गैर क़ानूनी काम कर रहे हैं। एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस स्तर की राजनीति करना शोभा नहीं देता।
इसके साथ ही अमित जोगी ने नंद कुमार साय की विवादास्पद तस्वीर जारी की है जिसमें एक तरफ साय की फोटो के नीचे जोगी जोगी और जाति जाति लिखा गया है वहीं उनकी दूसरी तस्वीर में मुंह को चैन से बंद किया गया है तस्वीर के नीचे पोलावरम में आदिवासी डूब रहे हैं? सरगुजा में भूखे मर रहे हैं? वन अधिकार पट्टा निरस्त? बस्तर में अत्याचार? आदिवासी बालिकाओं के साथ दुराचार? लिखा गया है। अमित जोगी का कहना है कि साय आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर खामोश रहते हैं।
अमित जोगी ने कहा कि साय वो खिसयानी बिल्ली हैं जो चौदह वर्षों से एक ही खंबे को नोच रही है। जोगी ने साय को हिदायत देते हुए कहा कि “मैं आपसे छोटा हूँ लेकिन कभी-कभी बौखलाहट छोड़कर छोटों की भी बात माननी चाहिए। चौदह साल तक लगातार जोगी की जाति का झूठा प्रचार करने के बजाय अगर आप आदिवासियों के हितों की बात करते तो शायद छत्तीसगढ़ में आप सक्रिय राजनीति में बने रहते” । अभी भी देर नहीं हुई है , अगर वाकई आदिवासी हित के लिए कुछ करना चाहते हैं तो बस्तर और सरगुजा जाईये। छत्तीसगढ़ भवन के एसी कमरे में जोगेरिया ग्रसित लोगों के साथ मिलकर षड़यंत्र रचने से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का भला नहीं होगा”।
अमित जोगी ने कहा कि पोलावरम में हजारों आदिवासी बेघर हो रहे हैं, डूब रहे हैं लेकिन आज तक नंदकुमार साय झाँकने तक नहीं गए, उन आदिवासियों के लिए कौन लड़ रहा है..जोगी। बस्तर में आदिवासियों अत्याचार हो रहा है लेकिन साय को उनकी चीखें सुनाई नहीं पड़ रही है- वहां कौन आंदोलन कर रहा है- जोगी। सरगुजा में आदिवासी भूख से मर रहे हैं, उन्हें जंगल से बेदखल किया जा रहा है, उनका वन अधिकार पट्टा निरस्त किया जा रहा है, लेकिन नंदकुमार साय ने अपनी आँखें बंद कर रखी है- वहां कौन भूख हड़ताल पर बैठा, वहां सामंतवाद और प्रशासनिक आतंकवाद के खिलाफ कौन लड़ रहा है..जोगी।
अमित जोगी ने साय से कहा कि साय इस ग़लतफहमी में न रहें कि चार लोग मिलकर जनता का जनादेश बदलने का काम करेंगे और इस देश की न्यायपालिका हाथ में हाथ धरे बैठी रहेगी। रायगढ़ लोकसभा चुनाव के दौरान, जोगी जी के विरुद्ध, जनता को गुमराह करने, नंदकुमार साय ने असली-नकली आदिवासी का मुद्दा उठाया था। रायगढ़ की जनता ने साय को बुरी तरह पराजित कर बता दिया कि कौन असली आदिवासी है और कौन आदिवासी, ‘नकली’ का भ्रामक और झूठा प्रचार करता है। इसके बाद साय, जोगी जी के विरुद्ध मरवाही में खड़े हुए और यहाँ भी असली-नकली के मुद्दे के मुद्दे को उछाला । लेकिन वहां भी, मरवाही की जनता ने जोगी जी को एतिहासिक बहुमत से विजयी बनाकर, नंदकुमार साय के मुंह पर जनादेश का ऐसा तमाचा मारा था कि वे मरवाही जाना भूल गए और उसके बाद याचिकाकर्ता बन बैठे।
अमित जोगी ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी हार के रूप में मिले जनादेश को पचाना सीखें । बैकडोर से आकर घिनौनी राजनीति कर कुछ हासिल नहीं होगा। जोगी ने कहा कि साय और उनके उनके साथ मिलकर षड़यंत्र करने वाले सभी लोगों को एक बार फिर न्यायालय में मुंह की खानी पड़ेगी । माननीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर हमे सम्मानित न्याय देगा।