रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने अपने बेटे अयान जोगी के तीसरे जन्मदिन से पहले फेसबुक पर एक हृदयविदारक सूचना साझा की है. उन्होंने बताया कि अपने बेटे अयान की जांच कराने सीएमसी वेल्लौर में हैं, जहां उन्हें अयान के विरल बीमारी से ग्रसित होने की जानकारी मिली है. अमित जोगी ने अपने पोस्ट में बीमारी की जानकारी देने के साथ अपना और अपने परिवार का दर्द साझा किया है. हम अमित जोगी का फेसबुक पोस्ट आपके साथ साझा कर रहे हैं.

बेटे अयान की जन्मदिवस की संध्या पर-

सारी चुनावी राजनीतिक होड़-छोड़ को पृथक कर, विगत 4 दिनों से मैं अपने बेटे अयान की चिकित्सीय जाँच कराने, अपनी माँ डॉ रेणु जोगी के 50 साल पुराने कॉलेज, CMC वेल्लौर, अपनी पत्नी ऋचा और उसकी माँ के साथ आया हूँ. यहाँ पता चला है कि मेरे इकलौते बेटे अयान को एक अद्भुत बीमारी है जो 1 लाख बच्चों में मात्र किसी 1 को ही होती है.

इस बीमारी के कारण से उसे ठीक से चलने, बोलने, निगलने और उसके सामान्य मस्तिष्क विकास में तो तकलीफ़ होगी ही, साथ ही निकट भविष्य में फेफड़े, खून और चमड़ी की बीमारियों के कारण उसके जीवन को बचाना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा. इन सबके बावजूद जिस एकाग्रता के साथ अयान इन सभी चुनौतियों का हँसते-खेलते हुए रोज़ाना सामना कर रहा है, वो सिद्ध करता है कि वास्तव में वो अपने दादा का पोता है!

अगले तीन दिनों में- 4 अगस्त 2023 को- अयान अपने 3 साल पूरा कर लेगा. ऋचा, उसकी माँ रश्मि साधु, मेरे सुरक्षा प्रभारी सूर्या नारायण, हमारा छोटा भाई निलेश चौहान, अयान की देख-रेख करने वाले और मैं वेल्लौर में उसके डॉक्टरों-जिनमें मम्मी के सहपाठियों की अग्रणी भूमिका होगी- के साथ उसका जन्मदिन बड़ी ज़ोर-शोर से मनायेंगे. 3 साल के इस दौर में अयान ने अपनी शरारती-हरकतों से हमारे परिवार के हर पल को अनेपिक्षित ख़ुशियों से परिपूर्ण कर दिया है. इस दुनिया में अगर ईश्वर है, तो इसका ठोस प्रमाण हमें अयान ने दिया है.

आधुनिक चिकित्सा में इस बीमारी को एटेक्सिया टेलेंगानाजेस्टासिया (AT) उपाधि से जाना जाता है. जानकारी के अभाव में अभी पूरी दुनिया में इस बीमारी से पीढ़ित मात्र 500 बच्चों की “जीन रिपोर्ट” उपलब्ध है- जिसके आधार पर इस बीमारी के इलाजों पर कार्य चल रहा है. इनमें से 28 बच्चों का इलाज CMC वेल्लौर में हो रहा है.

ये बीमारी अभी तक बेइलाज है हालाँकि अमरीका, जर्मनी, इंग्लैंड, फ़्रांस, जर्मनी, इटली और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में इसके उपचार हेतु “जीन-थेरेपी” पर आधारित वैज्ञानिक प्रयोग लगातार चल रहे हैं- जिनके परिणामस्वरूप पिछले एक दशक में इस दुर्गम रोग से पीढ़ित बच्चों की जीवन-आयु मात्र 10-15 साल से बढ़कर लगभग 40 साल हो चुकी है. मैंने इन सभी जाँच केंद्रों को अयान की रिपोर्ट भेज दी है ताकि उसे इनका लाभ मिल सके.

मेरी पत्नी डॉ ऋचा जोगी के अद्वितीय प्रयासों के कारण आज तक अयान में इस भीषण बीमारी के अधिकांश लक्षण नहीं देखने को मिले हैं किंतु यह भी तय है कि भविष्य में एक सामान्य जीवन जीने के लिए उसे अनेकों चुनौतियों से निपटना होगा. इन सभी चुनौतियों का हम एक परिवार के रूप में डटकर सामना करेंगे और ईश्वर की कृपा से अयान को एक सामान्य जीवन जीने का अवसर देने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे.

आप से निवेदन है कि आप अयान के लंबे और स्वस्थ्य जीवन के लिए हमारे साथ प्रार्थना करें. उसे दवाइयों के साथ आपकी दुवाओं की ज़रूरत है.