रायपुर. छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन के नामकरण को लेकर राजनीति गरमाने लगी है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि नए विधानसभा भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में ‘मिनीमाता’ के नाम को हटाए जाने के विरोध में पार्टी को औपचारिक रूप से बहिष्कार का आह्वान करना चाहिए।

जोगी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, एआईसीसी प्रभारी सचिन पायलट और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भेजे पत्र में कहा है कि यह मुद्दा सिर्फ एक भवन के नाम का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता, दलित सम्मान और कांग्रेस की ऐतिहासिक विरासत से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने अपने पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला कि 2 दिसंबर 2002 को स्व. अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ही विधानसभा भवन का नाम मिनीमाता के नाम पर रखने का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया था। बाद में 11 अगस्त 2020 को भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ही ‘मिनीमाता भवन’ की आधारशिला राहुल गांधी की उपस्थिति में रखी थी। 24 मार्च 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने संबोधन में इस भवन को ‘मिनीमाता भवन’ के नाम से ही संबोधित किया था।

अमित जोगी ने कहा, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह द्वारा जारी निमंत्रण में ‘मिनीमाता’ नाम का जानबूझकर हटाया जाना एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जो दलित नेतृत्व और नारी सशक्तिकरण के प्रतीकों को मिटाने की मानसिकता को दर्शाता है। ऐसे में किसी भी कांग्रेस नेता द्वारा इस कार्यक्रम में शामिल होना न केवल पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं का सीधा अपमान होगा।

जोगी ने कांग्रेस हाईकमान से की ये मांगें

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुख्य प्रवक्ता भगवानू नायक ने बताया कि अमित जोगी ने कांग्रेस हाईकमान से तीन सूत्रीय मांग करते हुए कहा है कि इस ऐतिहासिक अन्याय का कड़ा विरोध करें। सभी कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम के बहिष्कार का स्पष्ट निर्देश दें। मिनीमाता के नाम की संवैधानिक मान्यता सुनिश्चित करवाने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक नैतिक परीक्षा का क्षण है। जोगी ने उम्मीद जताई है कि पार्टी का नेतृत्व छत्तीसगढ़ की जनता के पक्ष में खड़ा होगा।