नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आगामी अमरनाथ यात्रा की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की जांच के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगी. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस साल भी यात्रा को लेकर आतंकी हमले की आशंका है. जिसकी सुरक्षा की समीक्षा को लेकर अमित शाह ने इस हाई लेवल मीटिंग को बुलाया.

गृह मंत्री अमित शाह केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि शाह यात्रा के लिए पुख्ता तैयारी सुनिश्चित करने के लिए चल जा रही योजनाओं का भी जायजा लेंगे. बैठक में तीर्थयात्रा से जुड़े अन्य लोगों के भी शामिल होने की संभावना है.

सूत्रों के मुताबिक, खुफिया सूचनाएं मिली हैं कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन तीर्थयात्रा को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं. उनके नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे. यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को निशाना बनाए जाने की वारदात और आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. हांलाकि यात्रा के शुरू होने से पहले ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरे इलाके में अभी से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है. यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के मद्देनजर ड्रोन, एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी किया जाएगा. इसके अलावा पूरे इलाके पर सीसीटीव कैमरों के जरिए नजर रखी जाएगी.

बीते साल मंदिर के पास भारी बारिश से अचानक आई बाढ़ में 16 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसी किसी भी घटना से बचने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल भी अपनी तैयारी में जुट गई है. अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए तीर्थयात्री शिविर स्थापित करने के लिए आदर्श स्थानों की पहचान शुरू कर दी गई है.

आपको बता दें कि अमरनाथ का पवित्र गुफा मंदिर दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पिछले साल 3.45 लाख लोगों ने दर्शन किया था. इस साल यह आंकड़ा 5 लाख तक जा सकता है.