आतंकवाद और नक्सलवाद को जड़ से ख़त्म करने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमा सुरक्षा-बल (BSF) के लिए नई योजनाओं की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा है कि सीमापार से होने वाले आतंक और घुसपैठ के खिलाफ अभियान और तेज किए जाएंगे. पहलगाम में हाल के आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा गया कि नागरिकों को धर्म देखकर निशाना बनाया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान को जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया गया. गृह मंत्री के अनुसार अटैक के बाद पाकिस्तान की सेना हरकत में आई, लेकिन BSF जवानों ने मोर्चे पर पूरी तैयारी के साथ जवाब दिया.

देश की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति BSF के 61वें स्थापना दिवस समारोह में अमित शाह ने बताया कि सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन के दौरान जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल के नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई कर 9 स्थानों पर उनके ढांचे को पूरी तरह समाप्त किया. उनके अनुसार उद्देश्य स्पष्ट था – आतंकवाद का सफाया और देश के नागरिकों की सुरक्षा.

2026 तक नक्सलवाद खत्म करने की समयसीमा तय

गृह मंत्री ने स्पष्ट तारीख बताते हुए कहा कि हमारा संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से पूरी तरह मुक्त कर देंगे. अमित शाह के अनुसार BSF ने सीमाओं के रास्ते होने वाली ड्रग और हथियार तस्करी पर बड़ी चोट की है. सीमा पर सक्रिय गिरोहों को पकड़ने के लिए अलग से अभियान चलाया गया और कई बड़ी कामयाबियां मिलीं.

हर सीमा पर घुसपैठ रोकने के मिशन में जुटी BSF

उन्होंने कहा कि आज BSF सभी सीमाओं पर घुसपैठ रोकने के लिए पूरी क्षमता से काम कर रही है. शाह के मुताबिक कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को बाहर निकालने के अभियान को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग SIR के माध्यम से इस प्रक्रिया को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने में सहयोग कर रहा है.

SIR के विरोध को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना

केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियों का नाम लिए बिना कहा कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को निकालने के इस अभियान को कमजोर करना चाहते हैं. उन्होंने बिहार चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि जनता ने इस मुद्दे पर एनडीए को बहुमत दिया है. शाह ने कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल चुनाव आयोग की मतदाता सूची को सही करने के लिए लाई गई एसआईआर प्रक्रिया का विरोध कर रही है.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं आज देशवासियों से अपील करता हूं कि वे खुलकर और पूरी तरह से चुनाव आयोग द्वारा चलाई जा रही एसआईआर प्रक्रिया का समर्थन करें. मैं घुसपैठियों का बचाव कर रहे राजनीतिक दलों को चेतावनी देना चाहता हूं कि बिहार चुनाव पूरे देश के जनादेश की तरह हैं.

2024 में जोधपुर में हुई थी बीएसएफ स्थापना की परेड

बीएसएफ की 2024 की स्थापना दिवस परेड राजस्थान के जोधपुर में आयोजित की गई, जहां शाह ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान कर्मियों के बलिदान को रेखांकित किया. शाह के अनुसार, 1992 से अधिक बीएसएफ कर्मियों ने 2024 तक अपने प्राणों की आहुति दी है और 1330 कर्मियों को पदक प्रदान किए गए हैं, जिनमें 1 महावीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना पदक और 1,241 पुलिस पदक शामिल हैं.

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