रायपुर। शायद यही शहीद वीरनारायण सिंह का असली सम्मान है। सरकार ना केवल शहीद वीरनारायण सिंह की जन्म स्थली सोनाखान में विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी, बल्कि जिस घर में उन्होंने जन्म लिया था, उस घर को स्मारक भी बनाएगी। अपने छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के साथ सोनाखान पहुंचे थे, जहां मुख्यमंत्री ने विशाल प्रतिमा लगाने और स्मारक बनाए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की खाद्यान्न योजना का नाम भी शहीद वीरनारायण सिंह के नाम समर्पित किए जाने ऐलान किया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश में अंग्रेजों से आजादी दिलाने में शहीद वीरनारायण सिंह ने सराहनीय काम किया था, जो युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। शाह ने कहा कि आज सम्मान केवल शहीद वीरनारायण सिंह का नहीं है, बल्कि मैं मानता हूं कि उनके सम्मान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान है।

आखिर क्यों गए अमित शाह सोनाखान?

1857 की क्रांति ने देश में बिगुल बजाया था, स्वतंत्रता आंदोलन का। लेकिन छत्तीसगढ़ के बाहर ये चुनिंदा लोग ही जानते हैं कि अंग्रेजों के विरूद्ध सबसे पहले बगावत करने वाला कोई था, तो वो थे छत्तीसगढ़ के सोनाखान रियासत में जन्में वीरनारायण सिंह। थे तो जमींदार लेकिन,अकाल के दौर में किसानों के साथ जमाखोरों के गोदामों में जमा अनाजों को लूटकर जनता में बांट दिया। इसके बाद से ही वीरनारायण सिंह अंग्रेजों की आंखों में चूभने लगे थे, लिहाजा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और रायपुर के जय स्तंभ चौक पर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। वीरनारायण सिंह स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद होने वाले पहले क्रांतिकारी बने। गुलामी से आजादी दिलाने की उनकी इस लड़ाई को बीजेपी अब भुनाने की तैयारी में है। संगठन के आला नेता कहते हैं कि एक वर्ग विशेष का व्यापक समर्थन संगठन के पक्ष में आएगा। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए अमित शाह का सोनाखान का दौरा तय किया गया।