रायपुर। नशा मुक्त भारत का संकल्प समृद्ध सुरक्षित और वैभवशाली भारत के संकल्प के लिए बहुत महत्वपूर्ण संकल्प है. एक प्रकार से देखे तो नारकोटिक्स केवल भारत की समस्या नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समस्या है. मगर भारत में सबसे ज्यादा जागरूकता रखने की जरूरत है. अगर यह लड़ाई हम शिद्दत और रणनीति के साथ लड़े तो यह लड़ाई हम जीत सकते हैं. यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नया रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कही.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की उपस्थिति में आयोजित उद्घाटन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुझे ऐसा कहने में कोई झिझक नहीं है कि दुनिया के कई देश यह लड़ाई हार चुके हैं. भारत में नारकोटिक्स का दूषण नहीं है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भी जुड़ा हुआ है. नारकोटिक के अवैध व्यापार से जो धन अर्जित होता है, उस धन का उपयोग टेररिज्म, नक्सलिज्म और भारत के अर्थतंत्र को निर्बल करने का काम में भी आता है. नारकोटिक्स का एक ओर हमारे युवा पीढ़ी को बर्बाद करने का लक्ष्य है और दूसरी ओर देश की सुरक्षा के साथ जुड़े हुए सारे पहलुओं को अवैध व्यापार के कमाए गए पैसे से प्रभावित करना भी लक्ष्य है. हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि हम जीरो टॉलरेंस की वृद्धि के साथ देश को नशा मुक्त बनाए और प्रधानमंत्री का जो संकल्प है, उसको साकार करें.
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 में जब देश की आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी, तब इस महान देश को नशे से मुक्त करने का संकल्प लिया है. और धीरे-धीरे यह संकल्प 130 करोड़ की आबादी का संकल्प बनता जा रहा है.
NCB ऑफिस नारकोटिक्स कंट्रोल के लिए निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज यहां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के रायपुर जोनल यूनिट का वर्चुअल उद्घाटन हुआ है. 5000 वर्ग फुट में फैला हुआ यह कार्यालय नारकोटिक्स कंट्रोल के लिए अपने आप में कंप्लीट ऑफिस है. इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा हमें भूमि और बाकी सारी सुविधाएं राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का ऑफिस न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे अंचल में नारकोटिक्स कंट्रोल के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अमित शाह ने बताया कि हमने लक्ष्य रखा है कि देश के हर एक राज्य में नारकोटिक्स ब्यूरो कंट्रोल ब्यूरो का ऑफिस खोला जाए और इसके माध्यम से राज्य सरकार का सहयोग कर ड्रग के दूषण को कंट्रोल करने का भारत सरकार का मंत्रालय प्रयास करेगा.
ड्रग ट्रैफिकिंग का बदल रहा ट्रेंड
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ड्रग ट्रैफिकिंग का ट्रेंड बदल रहा है. नेचुरल ड्रग से सिंथेटिक ड्रग की ओर ड्रग तस्कर आगे बढ़ रहे हैं, जिससे बहुत कम मात्रा में ड्रग आती है और सबसे ज्यादा नुकसान और उसकी सबसे ज्यादा कीमत भी होती है. छत्तीसगढ़ राज्य में सेडेटिव के उपयोग का प्रतिशत 1.45 है जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. एक प्रकार से छत्तीसगढ़ सात राज्यों से अपनी बाउंड्री शेयर करता है. बंगाल की खाड़ी के नजदीक भी है. ओडिशा और आंध्र प्रदेश की कोस्टल कनेक्टिविटी भी ड्रग का एक रूट तैयार करती है और गांजा की तस्करी आंध्र और ओडिशा सीमा से होती है.
छत्तीसगढ़ में गांजे का नशे में उपयोग राष्ट्रीय औसत से दोगुना
छत्तीसगढ़ में गांजा के नशे का उपयोग करता 4.98 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.83 से बहुत अधिक है. वह हमारे लिए एक चिंता का विषय होगा. कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कॉन्फ्रेंस से जुड़े सभी लोगों से आग्रह है कि इन्वेस्टिगेशन को साइंटिफिक तरीके से देखें. साइंटिफिक में टॉप टू बॉटम और बॉटम तो टॉप एप्रोच को अडॉप्ट करना पड़ेगा. यदि एक छोटी सी दुकान पर अगर नशे की पुड़िया मिलती है तो वह देश में कहां से आई, कहां पर बनी तक का इन्वेस्टिगेशन करके हमें नेटवर्क का धवस्त करने का काम करना पड़ेगा. नारकोटिक्स का केस कोई नारकोटिक्स का केस नहीं हो सकता है पूरे तंत्र को उसकी पूरी बैकग्राउंड को ध्वस्त करने के दिशा में काम करना होगा.
छत्तीसगढ़ में 7 पुनर्वास केंद्र चल रहे हैं. पुनर्वास की अपग्रेडेशन की चिंता करनी चाहिए. 14 नशा मुक्ति केंद्र राज्य सरकार भी चल रही है. जो ड्रग का व्यापार करता है वह गुनहगार है. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का उपयोग हो रहा है. कई जगह पर ड्रोन के द्वारा डिलीवरी के किस्से सामने आए हैं.
गृह मंत्री ने पेश किये कार्रवाई के आंकड़े
मोदी सरकार बनने के बाद ncb का परफॉर्मेंस बहुत अच्छा रहा हैं. 2004 से 14 तक 1250 केस रजिस्टर्ड हुए थे. अब 4150 केस रजिस्टर्ड हुए. केस में 230 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पहले अरेस्टिंग 1360 था अब 6300 हुआ है. पहले 1.52 लाख किलो नारकोटिक्स पकड़ा गया था अब 5 लाख 43 हजार किलो पकड़ा गया. पहले 5900 करोड़ अब 22000 करोड़ के ड्रग सीज किये. 10 साल में इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचने में सफल हुए है. अभी भी काफी काम बाकी है.
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