संविधान के 75वे वर्षगांठ पर गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज राज्यसभा में संविधान पर चर्चा में अपनी बात रख रहे हैं. उन्होंने कहा हमारा संविधान पहले से भी ज्यादा मजबूत हुआ है, देश में लोकतंत्र की जड़ें पाताल तक गहरी हैं, इसने अनेक तानाशाहों के अहंकार-गुमान को चूर-चूर किया है. जो कहते थे भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पाएंगे हम आज दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. यह हम सबके लिए गौरव लेने का पल है.
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पीएम मोदी के बाद अमित शाह ने भी अपने स्पीच ये बड़ी बाते कही जिसमें उन्होंने संविधान को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने आपातकाल, EVM और मुस्लिमों के तुष्टिकरण के मामले में कांग्रेस को जमकर घेरा.
‘देश में लोकतंत्र की जड़ें पाताल तक गहरी हैं। इसने अनेक तानाशाहों के अहंकार-गुमान को चूर-चूर किया है। जो कहते थे भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पाएंगे, हम आज दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। यह हम सबके लिए गौरव लेने का पल है। संकल्प लेने का पल है।’
कोई ये ना समझे कि हमारा संविधान महज नकल है। संविधान नकल नहीं है। विदेशी चश्मा से देखेंगे तो भारतीयता नजर नहीं आएगी। ऋग्वेद में भी शुभ विचार लेने की बात कही गई है। हमने सबकी अच्छी बातें ली हैं, लेकिन अपनी विरासत को नहीं छोड़ा है।’
हमें अपनी पुरानी परंपराओं पर शर्म नहीं है। हम परंपराएं बदलेंगे। इंडिया गेट पर किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटा दी। वहां सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगा दी। हमने वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई। हमने राष्ट्रीय शहीद स्मारक बनाया और अमर जवान ज्योति को विलीन करने का काम किया। सेंगोल को इलाहाबाद के म्यूजियम में भेज दिया गया था, नरेंद्र मोदी ने विधिवत सेंगोल को संसद में स्थापित करने का काम किया। नई संसद बनाई और हजारों मूर्तियां वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय ने प्रयास किया।
आपातकाल में कई लोगों को इन्होंने जेल में डाल दिया था। इसमें से कई लोग आज इनके साथ बैठे हैं। देश पर कोई हमला हुआ था क्या या देश में कोई आफत आ गई थी। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। बस इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अयोग्य ठहरा दिया था। नीरज डे एक यस सर कहने की वजह से 11 साल तक देश के अटॉर्नी जनरल रहे। मैं तो छोटा था, जेल में नहीं जाना पड़ा, मेरी आयु होती तो पूरे 19 महीने जेल में बंद रहना पसंद करता।
देश के 2 राज्यों में धर्म के आधार पर आरक्षण अस्तित्व में है। ये गैर संवैधानिक है। संविधान सभा की डिबेट पढ़ लीजिए, स्पष्ट किया गया है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। आरक्षण पिछड़ापन के आधार पर होगा। कांग्रेस की सरकार थी, तो धर्म के आधार पर आरक्षण दिया। 50% की सीमा बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं। दोनों सदन में जब तक बीजेपी का एक भी सदस्य है, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होने देंगे, ये संविधान विरोधी है।
अब कांग्रेस चुनाव हारती है तो EVM को दोष देते हैं। महाराष्ट्र में सूपड़ा साफ हुआ, उसी दिन झारखंड में जीते। महाराष्ट्र में ईवीएम को खराब बताया, झारखंड में नए कपड़े पहनकर शपथ ले ली। एक जगह ईवीएम खराब है, एक जगह सही हो गई ये कैसे हो सकता है।
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