नए संसद के उद्घाटन से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक करार देते हुए खुद को भाग्यशाली बताया है. उन्होंने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें संसद के दोनों भवनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक जन प्रतिनिधि के रूप में काम करने का मौका मिल रहा है.
अमित शाह ने ‘माई पार्लियामेंट माई प्राइड’ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया, “नए संसद भवन की इन अद्भुत झलकियों को देख पूरा देश हर्षित है. ये संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है. मेरा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पुराने और अब इस नए संसद भवन में एक जनप्रतिनिधि के रूप में सेवा करूंगा. देशवासी इसके उद्घाटन को लेकर उत्साहित हैं.”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नए संसद भवन को हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण बताते हुए कहा है कि देशवासी इसके उद्घाटन को लेकर उत्साहित हैं.अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शेयर किए गए नए संसद भवन के वीडियो को शनिवार को रिट्वीट करते हुए कहा, नये संसद भवन की इन अद्भुत झलकियों को देख पूरा देश हर्षित है. यह संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है.
पीएम मोदी ने शेयर की वीडियो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद भवन की एक वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्वीट की थी. जिसमें पीएम मोदी ने लिखा था कि नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा. यह वीडियो इस प्रतिष्ठित इमारत की झलक पेश करता है. मेरा एक विशेष अनुरोध है- इस वीडियो को अपने स्वयं के वॉयस-ओवर के साथ साझा करें, जो आपके विचारों को व्यक्त करता है. मैं उनमें से कुछ को री-ट्वीट करूंगा. #MyParliamentMyPride का इस्तेमाल करना न भूलें.
28 मई को होगा नई संसद भवन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इस पर जमकर सियासत हो रही है. तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए, प्रधानमंत्री के हाथों नहीं.
इतना ही नहीं अब तक 21 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बायकॉट का ऐलान भी किया है. हालांकि, एनडीए के घटक समेत 25 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का ऐलान किया है.
नया भवन सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का एक हिस्सा है और इसका शिलान्यास दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था. नए भवन में 1,272 सदस्यों (888 लोकसभा, 384 राज्यसभा) के बैठने की क्षमता है.