पटना। बिहार के सीतामढ़ी जिले स्थित पुनौराधाम में माता जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 8 अगस्त को इस मंदिर परिसर की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना को लेकर प्रदेश और देशभर के श्रद्धालु उत्साहित हैं, वहीं राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह आयोजन खास महत्व रखता है। खास बात यह है कि बिहार चुनाव से पहले इस मंदिर के निर्माण का शिलान्यास बीजेपी के लिए एक बड़ा सियासी संदेश हो सकता है।
हिंदुत्व के एजेंडे पर बीजेपी की पकड़ मजबूत
बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी अपनी हिंदुत्व की राजनीति को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण बीजेपी के लिए एक चुनावी मुद्दा बन चुका था, और अब पार्टी उसी पैटर्न पर माता सीता के मंदिर का निर्माण करने का दावा कर रही है। पार्टी का यह संदेश है कि हिंदुत्व का एजेंडा हमेशा से उसकी प्राथमिकता में रहा है, और अब इसका विस्तार सीता के मंदिर तक हो रहा है। यह विकास कार्य बीजेपी के लिए राजनीतिक रूप से लाभकारी साबित हो सकता है, खासकर हिंदू वोटबैंक को देखते हुए।
अयोध्या राम मंदिर से जानकी मंदिर की तुलना
अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी ने दशकों तक संघर्ष किया, जिससे उनकी पार्टी को विशेष रूप से हिंदू मतदाताओं के बीच जबरदस्त समर्थन मिला। अब, उसी तर्ज पर, सीता माता के मंदिर का निर्माण भी बीजेपी और एनडीए के लिए एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। पुनौराधाम, जो सीतामढ़ी जिले में स्थित है, को माता सीता का जन्म स्थान माना जाता है। इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण, जैसा कि अयोध्या में राम मंदिर का हुआ, वही बीजेपी के लिए एक बड़ा चुनावी हथियार हो सकता है।
67 एकड़ में होगा भव्य निर्माण
अमित शाह के 8 अगस्त को सीतामढ़ी दौरे के दौरान इस मंदिर के पुनर्विकास की आधारशिला रखी जाएगी। मंदिर का निर्माण 67 एकड़ में होगा और इसके भीतर संग्रहालय, धर्मशाला, सीता वाटिका और ऑडिटोरियम जैसी कई सुविधाएं होंगी। इस परियोजना के लिए कुल 882.87 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें से 137 करोड़ रुपये पुराने मंदिर और उसके परिसर के नवीनीकरण पर खर्च किए जाएंगे। 728 करोड़ रुपये का उपयोग पर्यटन संबंधी कार्यों पर होगा, जबकि 16 करोड़ रुपये का आवंटन मंदिर के रखरखाव के लिए 10 वर्षों तक किया जाएगा।
11 महीने में पूरा होगा निर्माण
इस भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य 11 महीनों के भीतर पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। सरकार का दावा है कि यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व का होगा, बल्कि इससे सीतामढ़ी और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई केंद्रीय मंत्री इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे, और इस अवसर पर मंत्रोच्चार के बीच आधारशिला रखी जाएगी।
राज्य और केंद्र सरकार की साझा पहल
बिहार सरकार ने इस परियोजना को लेकर एक नौ-सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया है, जो मंदिर के पुनर्विकास का काम करेगा। यह परियोजना श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर व्यापक रूप से विकसित की जाएगी, ताकि लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। पुनौराधाम हमेशा से ही एक प्रमुख तीर्थ स्थल रहा है, और अब इसे और भी आकर्षक और व्यवस्थित बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
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