केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पिछले 10 साल में गृह मंत्रालय में हुई कामकाज पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने सदन में कहा कि, केंद्र की सरकार आतंकवाद और आतंकवादी को नहीं सह सकती है. गृहमंत्री शाह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश की सुरक्षा पर चर्चा की. उन्होंने उरी (Uri) और पुलवामा (Pulwama) हमले का जिक्र करते हुए कहा कि 10 दिन में बदला लिया और हमने भारत को इजरायल (Israel)-अमेरिका (United States) वाली लिस्ट में ला दिया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए अपना संबोधन शुरू किया. शाह ने कहा, “समय के हिसाब से बदलाव जरूरी होता है. हर एक चुनौती से हम निपट रहे हैं. पहले की सरकार आतंकी हमलों को भूल जाती थी. हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की.
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उन्होंने कहा कि, चार दशक से देश में 3 नासूर थे. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पहला नासूर था. दूसरा नक्सलवाद और उत्तर पूर्व उग्रवाद तीसरा नासूर था. शाह ने आगे कहा, सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है. हमने आतंकवाद के करारा जवाब दिया है. हमने एक देश में दो विधान को खत्म किया. पहले की सरकार ने वोट बैंक की वजह से अनुच्छेद 370 नहीं हटाया.
गृहमंत्री ने कहा अब लालचौक पर तिरंगा फहरा रहा है. पहले आतंकवादी जुलूस निकालते थे. अब आतंकी जहां मरते हैं, वहीं दफन होते हैं. दस साल पहले आतंकियों का महिमामंडन होता था.” बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उड़ी और पुलवामा में हमले भी हुए, लेकिन हम चुप रहने वालों में नहीं थे. दस ही दिन में हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्टाइक की.
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “आपके (यूपीए) शासन में जम्मू कश्मीर में 33 साल से सिनेमाघर नहीं खुले थे, हमारे समय में खुले. कश्मीर में ताजिया के जुलूस को अनुमति नहीं थी, हमारे समय में दी गई. जी-20 के दौरान दुनियाभर के Diplomat शांति से जम्मू कश्मीर गए और वहां का खाना, संस्कृति, खूबसूरती का आनंद उठाया. साल 2025 में कश्मीर में एक भी हड़ताल नहीं हुआ.
नक्सलवाद पर क्या बोले शाह?
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारा मकसद नक्सलवाद को खत्म करना हैं. शाह ने कहा, “टेक्नोलॉजी से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. देश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म होगा. जहां सूर्य भी नहीं पहुंचते वहां हमारे जवान तैनात हैं. सरकार बदलने के एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ में 380 नक्सली मारे गए, जिसमें कल के 30 जोड़ना बाकी है. 1145 नक्सली गिफ्तार हुए और 1045 नक्सलियों ने सरेंडर किया. ये सब करने में 26 सुरक्षाबल हताहत हुए.” छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए थे. “
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