रायपुर। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी 30 अक्टूबर, गुरुवार को आंवला नवमी या अक्षय नवमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान, पूजा, तर्पण और दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. महिलाएं आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए पूजा-अर्चना करती हैं.

महामाया मंदिर रायपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि कार्तिक शुक्ल नवमी को भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष पर निवास करते हैं, इसलिए इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा विशेष रूप से की जाती है. इस अवसर पर अन्न, वस्त्र, दीपक और दान करने से कई गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

आंवले का धार्मिक और आयुर्वेदिक दोनों दृष्टि से विशेष महत्व है. इसे भगवान विष्णु और लक्ष्मी का प्रिय वृक्ष माना गया है. आंवले के सेवन से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि इसका वृक्ष घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है. इस दिन वृक्ष की पूजा करने से पितरों को तृप्ति और परिवार को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है.