टुकेश्वर लोधी, आरंग। प्रदेश में तेजी से धान खरीदी की जा रही है. लेकिन उस हिसाब से किसानों को भुगतान नहीं हो पा रहा है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. वे अपने खेती का कर्ज भी पता नहीं पा रहे हैं. जबकि इस साल अधिक दवाई का छिड़काव करना पड़ा. कर्ज लेकर खेतों में दवाई का छिड़काव किया गया. लेकिन बैंकों से भुगतान नहीं होने से लगातार दबाव बनाया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, रायपुर जिले में अब तक 2 लाख 72 हजार 120 किसानों ने धान बेचा है, इसमें 2 लाख 71 हजार 482 किसानों का फ़ाइल बना है, लेकिन अब तक मात्र 1 लाख 12 हजार 515 किसानों का ही भुगतान हो पाया है. वहीं जिले के 1 लाख 58 हजार 967 किसान अपने खातों में भुगतान की राशि का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे अपना कर्ज छूट सके, अपनी जरूरत की चीजे खरीद सके.

वहीं बात करे कि आरंग में 8754 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा है, जिसमें 8335 किसानों का फ़ाइल बना है, लेकिन केवल 2134 किसानों को ही बैंक द्वारा भुगतान किया गया है, जबकि 6201 किसानों के खातों में राशि का भुगतान होना शेष है.

जब हमने भुगतान में हो रही देरी की जानकारी ली तो पता चला कि केंद्र के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम(PFMS) में किसानों को राशि भुगतान करने की पुष्टि नहीं हो पाई है.

PFMS द्वारा पुष्टि के बाद ही किसानों के खातों में भुगतान की राशि जमा होती है. इस बात से जाहिर होता है कि कहीं न कहीं केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों का धान भुगतान की राशि को रोका जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले ही आदेश किया है कि सबसे पहले छोटे किसानों का धान लिया जाएगा ताकि उनको आर्थिक रूप से कोई समस्या न हो लेकिन अब छोटे किसानों को उनसे धान की कीमत न मिल पाना उनके लिए बड़ी समस्या है.