भुवनेश्वर. दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन अम्फान उत्तर व उत्तर-पश्चिम की दिशा में अग्रसर हो रहा है. यह साइक्लोन रविवार सुबह तक यह छह किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. वर्तमान में यह ओडिशा के पारादीप के दक्षिण में एक हजार किमी की दूरी पर स्थित है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका असर छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के 8 पड़ोसी राज्यों में होगा.

 यह आगामी 12 घंटों में सिवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म के रूप में परिवर्तित होगी. इसी तरह 18 की सुबह यह वेरी में सिवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म के रुप में परिवर्तित हो जाएगी. 20 मई को यह उत्तर ओडिशा व बंगाल के बीच कही भूमि को स्पर्श करेगी. यह कहां लैंडफाल करेगी इसके बारे में मौसम विभाग अभी तक सही आकलन नहीं कर सका है.

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उधर संभावित तूफान अम्फान से मुकाबले को लेकर राज्य के 12 जिले व विशेष कर चार तटीय जिलों में राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है. इसी क्रम में शनिवार देर शाम को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व राज्य के मुख्य सचिव ने 12 जिलों के जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों से संभावित तूफान की तैयारियों को लेकर समीक्षा की.

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बैठक में यह भी बताया गया कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा अम्फान के कारण 18 मई से ही कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने तथा 19 व 20 को तटीय ओडिशा में भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है. इससे 12 जिलों में प्रभाव होने का अनुमान लगाया गया है.

पश्चिम बंगाल के मछुआरों को भी चेतावनी दी गई है कि वे 18 से 21 मई के बीच बंगाल की खाड़ी या पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में ना जाएं. जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन सभी को 17 मई तक लौटने को कहा गया है.

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इसके बाद उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा में इसके बढ़ने की संभावना है। यह बंगाल की खाड़ी में उत्तरपश्चिम और पूरे पश्चिम बंगाल को अपनी चपेट में लेने के साथ ओडिशा के उत्तरी इलाके और समीपवर्ती तट तक 18 से 20 मई बीच प्रभावित करेगा.