मुंगेली. छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जिला मुंगेली में आजादी का 75वां अमृत महोत्सव के अंतर्गत पीएमएफएमई योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर अजीत वसंत मौजूद रहे.

कलेक्टर वसंत ने कहा कि हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जहां नौकरी स्थिरता प्रदान नहीं करती है. यह स्वरोजगार है जो एक समाज को विकसित करने में मदद करता है. राज्य सरकार ने स्वरोजगार की ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं. ज्ञात हो कि खाद्य प्रसंस्करण एक फलता-फूलता उद्योग है. एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना है, इसमें व्यक्तिगत/एफपीओ/एसएचजी/कोओपरेटिव क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी, सीड कैपिटल, प्रशिक्षण, ब्रांडिंग एन्ड मार्केटिंग एवं हैंड होल्डिंग की सहायता प्रदान की जाएगी.

सीईओ जिला पंचायत दशरथ सिंह राजपूत ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिले में पीएमएफएमई योजना के तहत जिला में ही व्यक्तिगत/एसएचजी/एफपीओ/कोओपरेटिव के माध्यम से सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की स्थापना कर इसका लाभ ले सकेंगे.

कृषि विकास केंद्र, मुंगेली के विषय वस्तु विशेषज्ञ सह मास्टर ट्रेनर (PMFME) प्रमिला जोगी द्वारा टमाटर प्रसंस्करण और इससे संबंधित मशीनरी के संबंध में जानकारी दी गई. योजना के तहत मिलने वाले अनुदान और योजना में आवेदन करने की सम्पूर्ण जानकारी सीएसआईडीसी द्वारा कार्यशाला में दी गई.

कार्यशाला में सीएसआईडीसी के महाप्रबंधक सह प्रभारी-पीएमएफएमई सुरेश केशी, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र (मुंगेली) के महाप्रबंधक चंद्रदेव प्रसाद और प्रवीण कुमार त्रिवेदी, उप संचालक, उद्योग संचालनालय (SIPB) मौजद थे.

कार्यक्रम के समापन के दौरान चंद्रदेव प्रसाद, महाप्रबंधक, जिला एवं व्यापार उद्योग केंद्र, मुंगेली ने इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को भागीदारी के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस आयोजन से उपस्थित समस्त प्रतिभागी और इच्छुक निवेशक जमीनी स्तर की स्थिति और योजना से संबंधित विभिन्न नियमों, नीतियों से अवगत हुए होंगे. यह भी आशा व्यक्त की कि इससे राज्य में योजना को अवश्य बढ़ावा मिलेगा.