नई दिल्ली. पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार देर शाम रावण दहन के वक्त हुए बड़े रेल हादसे में जितनी बड़ी गलती स्थानीय नागरिकों और रामलीला के आयोजकों की है, उतनी ही गलती स्थानीय रेल प्रशासन की भी नजर आ रही है. इस हादसे में रेलवे गेटमैन की गलती भी है, जिसने इतने बड़े पैमाने पर उमड़ी भीड़ की जानकारी स्टेशन मैनेजर को नहीं दी. क्योंकि घटना स्थल से महज 400 मीटर की दूरी पर मौजूद गेटमैन ने इसे हलके में लिया और भीड़ को देखने के बावजूद शांत बैठा रहा. इसके अलावा ट्रेन ड्राइवर की लापरवाही को भी नकारा नहीं जा सकता है.

पंजाब के स्थानीय लोगों एवं रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि जिस रेलवे क्रॉसिंग के पास यह हादसा हुआ है. वहां दशहरे का मेला पिछले 6 साल पहले से लग रहा है. इस बात की जानकारी रेलवे के स्थानीय प्रशासन, स्टेशन मास्टर, गेटमैन और वहां से गुजरने वाली ट्रेन ड्राइवरों को अवश्य होगी.  इसके बावजूद भयानक हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई.

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जानकारों का कहना है कि गेटमैन को यह बात पता थी कि दशहरे मेले में आए लोग ट्रैक पर खड़े होकर वीडियो बना रहे हैं. इसके बावजूद में उसने मैग्नेटो फोन (हॉट लाइन) से स्टेशन मास्टर को इसकी जानकारी नहीं दी थी. जिससे वहां से गुजरने वाली ट्रेनों को कम रफ्तार पर नहीं चलाया गया. यदि स्टेशन मास्टर ट्रेन चालकों को ट्रेन धीरे चलाने की चेतावनी देता तो शायद हादसा टल सकता था.

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हालांकि इस मामले में ट्रेन ड्राइवर का कहना है कि ग्राउंड में रावण जल रहा था उस वक्त चारों तरफ काफी धुआं था. जिसकी वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. उसने कहा कि मुझे ग्रीन सिंग्नल मिला तो मैं निश्चिंत होकर आगे बढ़ गया.

बता दें कि इस ट्रेन हादसे में 59 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 51 अन्य घायल हो गए. घायलों में कई की हालत गंभीर है. इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है और त्योहार के दिन देशभर में लोग गमगीन हैं.