दिल्ली. दुर्घटना के समय पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी और पूर्व मंत्री नवजोत कौर सिद्धू मुख्य मेहमान के तौर पर लोगों को संबोधित कर रही थी. लोगों का आरोप है कि दुर्घटना के तुरंत बाद कौर राहत कार्य शुरू करवाने की बजाए अपने घर के लिए रवाना हो गईं.
लोगों का आरोप है कि नवजोत कौर सिद्धू हादसे के बाद कार में बैठकर चली गईं. लोगों ने कहा कि नवजोत सिंह यहां से विधायक हैं और मंच पर उनकी पत्नी भी मौजूद थी लेकिन वो घटना के बाद मदद करने की जगह भाग गईं. आरोपों का दौर शुरू होने के बाद सिद्धू की पत्नी ने सफाई देते हुए कहा है कि वे घायलों से मिलने के लिए अस्पताल चली गईं थी. उन्होंने कहा कि रावण का पुतला जलाया गया और जब हादसा हुआ तो मैं निकल चुकी थी. घायलों का इलाज कराना प्राथमिकता है. जो लोग हादसे पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए.
प्रत्यक्षदर्शी बहुजन सजाम पार्टी के नेता तरसेम सिंह भोला ने बताया कि दुर्घटना के समय रेल लाईनों पर सैंकड़ो लोग खड़े थे जो रेलगाड़ी की चपेट में आए हैं. उन्होने बताया कि घटना के समय रेलवे फाटक भी खुला हुआ था और डीएमयू रेलगाड़ी धड़ाधड़ गुजर गई. उन्होने बताया कि रावण के जलते हुए पुतले से बचने के लिए लोग रेलवे लाईनों की तरफ भागे जहां पहले से ही सैकड़ों लोग मौजूद थे.
इसी दौरान अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुई हावड़ा और जालंधर से अमृतसर को आ रही डीएमयू रेलगाड़यिां आ गई. लोग जालंधर-अमृतसर रेल लाईन पर खड़े थे जिसके कारण वह जालंधर से आ रही डीएमयू की चपेट में आ गए. रावण दहन दौरान चल रहे पटाकों की आवाज के कारण लोगों को रेलगाड़ी आने का पता नहीं चला जिसके कारण लगभग 50 लोगों की कटने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई तथा असंख्य लोग घायल हो गए.
मरने वालों की संख्या सौ से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. पुलिस तथा जिला प्रशासन ने घटना स्थल पर पहुंच कर बचाव कार्य शुरू कर दिया है. घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा है.