रायपुर। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने साल 2020 के आपराधिक आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट जारी किया है. जिसमें हत्या, डकैती और दुष्कर्म जैसी घटनाओं में छत्तीसगढ़ को सबसे आगे होना बताया गया हैं. जिस पर विपक्ष कांग्रेस सरकार पर तंज कस रही है. अब राज्य सरकार की तरफ छत्तीसगढ़ में अपराधों के आंकड़ों का एक विश्लेषण जारी किया गया है.
राज्य सरकार की तरफ से जारी विश्लेषण आंकड़ों के अनुसार हाल ही में एनसीआरबी ने 2020 के अपराधों के आंकड़ों के जारी किए जाने के बाद लोगों द्वारा यह बताने का प्रयास हो रहा है कि छत्तीसगढ़ में अपराधों का ग्राफ काफी बढ़ गया है. जिसे सरकार ने भ्रामक बताया है. देश के प्रमुख 20 बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ की स्थिति का अध्ययन और प्रति एक लाख जनसंख्या पर औसतन अपराध आंकड़ों का विश्लेषण किए जाने पर यह स्पष्ट है कि प्रदेश में सभी प्रकार के अपराधों में कमी बेशी का ट्रेंड विगत वर्षों में एक समान बना हुआ है. किसी भी अपराध में ऐसी भीषण वृद्धि नहीं हुई है. जैसा फैलाया जा रहा है.
बल्कि कई मामलों में छत्तीसगढ़ की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार आया है. एक विशेष बात यह है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आम जनता की हर शिकायत को पूरी गंभीरता से लिया है. हर उस मामले को पंजीबद्ध करके विवेचना में लिया है, जिसमें भी उस अपराध के पूर्ण तत्व पाए गए. इसलिए कुछ ऐसे मामले जिन्हें पूर्व में नजर अंदाज कर दिया जाता था, उन पर भी अपराध दर्ज किये जाने से कुछ अपराधों में आंशिक रूप से वृद्धि हुई है.
हत्या की वारदात
छत्तीसगढ़ 2017 में देश के प्रमख 20 राज्यों में हत्या के मामले में 15 वें स्थान पर था. वहीं 2018 में भी छत्तीसगढ़ 15 वें स्थान पर था. 2019 में छत्तीसगढ़ 14 वें स्थान पर आया, जबकि इस वर्ष में हत्या के अपराधों में कमी आई. 2020 में भी छत्तीसगढ़ इन 20 राज्यों में 14 वें स्थान पर ही रहा है. हत्या के मामले में भाजपा शासित उ.प्र. पहले स्थान पर रहा है बिहार, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, असम, हरियाणा, गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़ से कहीं ऊपर रहते आए हैं. अगर जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए तो छत्तीसगढ़ की अनुमानित 3 करोड़ जनसंख्या में प्रति लाख आबादी में 2017-2018 में 3.1, 2019 में 3 और 2020 में 3.2 हत्या की घटनायें हुई हैं. इस तरह प्रदेश में हत्या के आंकड़ों का ट्रेंड औसतन 3 प्रति लाख है.
हत्या का प्रयास
हत्या के प्रयास के मामले में छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख 20 राज्यों में 2017, 2018 और 2020 में 17 वें स्थान पर रहा है, जबकि 2019 में 18 वें स्थान पर रहा था. पश्चिम बंगाल लगातार इस मामले में सबसे आगे रहा. वहीं भाजपा शासित/समर्थित राज्यों बिहार, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, असम, हरियाणा, गुजरात छत्तीसगढ़ से कहीं पर रहते आए हैं. अगर जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ की अनुमानित 3 करोड़ जनसंख्या में प्रति लाख आबादी में 2017 में 2.2, सन 2018 में 2.3, 2019 में 2.1 और 2020 में 2.4 हत्या के प्रयास की घटनायें हुई हैं. इस तरह प्रदेश में हत्या के आंकड़ों का ट्रेंड औसतन 2.2 प्रति लाख है.
बलात्कार की घटनाएं
भाजपा के शासनकाल में सन 2017 में छत्तीसगढ़ बलात्कार के मामले में देश के प्रमुख 20 राज्यों में 7 वें स्थान पर और 2018 में 5 वें स्थान पर था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही 2019 में छत्तीसगढ़ इन 20 प्रमुख राज्यों में 12 वें स्थान पर रहा, वहीं सन 2020 में 9 वें स्थान पर रहा, ध्यान देने योग्य बात ये है कि भाजपा के शासनकाल की तुलना में काफी बलात्कार की घटनायें हुई हैं. अगर जनसंख्या के अनुपात में देखा जाये तो छत्तीसगढ़ की अनुमानित 3 करोड़ जनसंख्या में प्रति लाख आबादी में 2017 में 6.4, सन 2018 में 7, 2019 में 3.5 और 2020 में 4 बलात्कार के अपराध दर्ज हुए हैं. जो यह बताता है कि कांग्रेस के शासनकाल में बलात्कार के ट्रेंड में उल्लेखनीय गिरावट आई है. प्रदेश में भाजपा के शासनकाल में बलात्कार का ट्रेंड औसतन 6.5 प्रति लाख था. वहीं कांग्रेस के शासनकाल में औसतन 3.5 प्रति लाख का ट्रेंड दिखा है.
बलात्कार का प्रयास
भाजपा के शासनकाल में सन 2017 और 2018 में छत्तीसगढ़ बलात्कार के प्रयास के मामले में देश के प्रमुख 20 राज्यों में 14 वें स्थान पर था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही 2019 में छत्तीसगढ़ इन 20 प्रमुख राज्यों में 16 वें स्थान पर चला गया था. वहीं सन 2020 में 9 वें स्थान पर रहा. अगर जनसंख्या के अनुपात में देखा जाये तो छत्तीसगढ़ की अनुमानित 3 करोड़ जनसंख्या में प्रति लाख आबादी में 2017 में 0.01, सन 2018 में 0.01, 2019 में 0.001 और सन 2020 में 0.04 बलात्कार के प्रयास के अपराध दर्ज हुए हैं. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद महिलाओं के बलात्कार और बलात्कार के प्रयास के मामलों में किसी भी प्रकार से असंवेदनशीलता नहीं बरती गई, बल्कि हर घटना पर अपराध दर्ज करने को प्राथमिकता दी गई. पुलिस द्वारा चुप्पी तोड़ जैसा अभियान चलाकर महिलाओं को प्रेरित किया गया कि यदि उनके साथ कुछ गलत करने का प्रयास भी हुआ है, तो वे बिना डरे अपनी शिकायत दर्ज कराएं पुलिस अवश्य कार्रवाई करेगी.
अपहरण और व्यपहरण
सन 2017, 2018 और 2019 में अपहरण और व्यपहरण के मामले में छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख 20 राज्यों में लगातार 11 वें क्रम पर ही बना रहा. 2020 में स्थिति में सुधार करते हुए 12 वें क्रम पर आया है. अगर जनसंख्या के अनुपात में देखा जाये तो छत्तीसगढ़ की अनुमानित 3 करोड़ जनसंख्या में प्रति लाख आबादी में 2017 में 7, सन 2018 में 8.1, 2019 में 8.8 और 2020 में 6.7 अपहरण और व्यपहरण के अपराध दर्ज हुए हैं. जो यह बताता है कि कांग्रेस के शासनकाल में इन मामलों के औसत ट्रेंड में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
बलवा और सार्वजनिक शांति भंग
सन 2017 और 2018 में बलवा के लगभग बराबर प्रकरण दर्ज हुए जिसमें प्रमुख राज्यों में 14 वॉं स्थान रहा, वहीं कांग्रेस की सरकार आने पर 2019 में प्रमुख राज्यों में छत्तीसगढ़ इस मामले में 15 वें स्थान पर रहा. पिछले वर्ष राज्य में एक ओर कोरोना की त्रासदी चल रही थी. वहीं दूसरी ओर भाजपा अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थों के लिये जनता को आंदोलन एवं शांति भंग करने के लिए दुष्प्रेरित कर रही थी. प्रदेश में शांति भंग को सरकार ने पूरी गंभीरता से लेते हुए सभी मामलों में प्रकरण दर्ज करके विवेचना की है. सार्वजनिक शांति व्यवस्था बनाये रखना सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार विपक्ष की भी जवाबदारी होती है, लेकिन इसका प्रदेश में अभी तक अभाव देखा गया है.
लूट की वारदात
सन 2017 में छत्तीसगढ़ लूट के मामले में देश के इन प्रमुख 20 राज्यों में 16 वें स्थान पर था, जो 2018 में आंशिक वृद्धि के साथ 15 वें स्थान पर रहा है. 2019 में अपराधों की संख्या में आंशिक वृद्धि के बाद भी इन 20 राज्यों में 15 वें स्थान पर रहा है. सन 2020 में छत्तीसगढ़ 14 वें स्थान पर है. पुलिस द्वारा हर उस मामले में लूट का प्रकरण दर्ज करने में कोई कोताही नहीं की जा रही है. जिसमें लूट के सारे तत्व मौजूद हों. यही वजह है कि लूट के अपराध में थोड़ी सी वृद्धि देखी गई है. अगर जनसंख्या के आंकड़ों को देखें तो छत्तीसगढ़ की अनुमानित 3 करोड़ जनसंख्या में प्रति लाख आबादी में 2017 में 1.19, सन 2018 में 1.40, 2019 में 1.46 और 2020 में 1.53 लूट के अपराध दर्ज हुए हैं. लूट की घटनाओं में वार्षिक वृद्धि का एक औसत ट्रेंड भाजपा के शासनकाल से लगातार बना हुआ है.
डकैती की वारदात
सन 2017 में छत्तीसगढ़ डकैती के मामले में देश के इन प्रमुख 20 राज्यों में 13 वें स्थान पर था, जो 2018 में आंशिक वृद्धि के साथ 12 वें स्थान पर रहा है. 2019 में अपराधों की संख्या में आंशिक कमी के बाद 15 वें स्थान पर रहा है. सन 2020 में छत्तीसगढ़ 11 वें स्थान पर है. अगर जनसंख्या के आंकड़ों को देखें तो छत्तीसगढ़ की अनुमानित 3 करोड़ जनसंख्या में प्रति लाख आबादी में 2017 में 0.23, सन 2018 में 0.28, 2019 में 0.17 और 2020 में 0.28 डकैती के अपराध दर्ज हुए हैं. जो यह बताता है कि लूट की घटनाओं में वार्षिक वृद्धि का एक औसत ट्रेंड भाजपा के शासनकाल से लगातार बना हुआ है. जिसमें कांग्रेस के शासनकाल में एक बार गिरावट भी देखी गई है.
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