Viral Video. एक बुजुर्ग महिला ने मंच पर ही सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बुजुर्ग महिला पीएम आवास योजना की लाभार्थी है. महिला को जब सांसद, विधायक आवास की चाबी सौंप रहे थे तभी उन्होंने 30 हजार रुपए की रिश्वत का आरोप लगा दिया.
यूपी के बदायूं जिले की नगर पंचायत उसावां में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं की उपलब्धिया गिनाने के साथ लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा था. कार्यक्रम में आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप, दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह, बीजेपी जिला अध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता मौजद थे जो पीएम आवास के लाभार्थी बुजुर्ग महिला को चाबी सौंप रहे थे. इसी बीच सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने माइक पर लाभार्थी महिला से पूछ लिया कि घर मिला है? कैसा लग रहा है? महिला बोलीं, अच्छा लग रहा है. सांसद लाभार्थी महिला से फिर पूछते हैं कि किसी ने पैसे तो नहीं लिए हैं? महिला जवाब देती हैं, हां, 30 हजार लिए है.
सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वीडियो सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि ये है भाजपा-राज के तथाकथित अमृतकाल के ‘विकसित भारत’ का स्पीकर पर गूंजता कड़वा सच! कभी कोई माइक पर सरेआम रिश्वत लेकर पीएम आवास में घर दिए जाने की बात कर रहा है, कभी कोई माइक-स्पीकर लगा कर मन की भड़ास निकालने की अर्ज़ी प्रशासन को दे रहा है. सवाल ये है कि इस घूस का पैसा किन-किन लोगों की जेब में पहुंच रहा है. कहीं भाजपा की दिखावटी ‘जन-कल्याण योजनाएं’ उनके अपने लिए ‘धन-कल्याण’ की योजनाएं तो नहीं हैं??? सपा की मांग हो कि इस सरेआम-आरोप की गंभीर जांच हो और अधिकारियों से लेकर, भाजपा के जन-प्रतिनिधियों तक किसी को भी राजनीतिक प्रश्रय देकर बचाया न जाए. जो गरीब को घर देने में भी घूस मांग लें, वो भाजपाई किसी का कल्याण क्या करेंगे.
वीडियो वायरल होने पर महिला से रिश्वत लेने के मामले की जांच कराई गई. जिसके बाद नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के सख्त निर्देश के क्रम में बदायूं जिले के जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) में प्रतिनियुक्ति के आधार पर परियोजना अधिकारी के पद पर तैनात देवेश कुमार सिंह की प्रतिनियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए उनको मूल विभाग उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लि. लखनऊ में प्रत्यावर्तित कर दिया गया है. साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही कर निलंबन के लिए संबंधित बैंक के प्रबंध निदेशक को निर्देशित किया गया है.
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जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) बदायूं में तैनात म्यूनिसिपल व सिविल इंजीनियर शिवकुमार को भी तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही जनपद बदायूं में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग के लिए नामित संस्था सरयू बाबू इंजीनियर फॉर रिसोर्स डेवलेपमेंट पर कठोर कार्रवाई करते हुए डिबार कर दिया गया है. आरोप है कि देवेश कुमार सिंह के कार्य दायित्वों के दौरान कार्यों में किए गए शिथिल पर्यवेक्षण के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत लाभार्थियों से धन उगाही की गई.
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