वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। जब धर्म और जाति की दीवारें टूट जाती हैं, तब असली भाईचारे की शुरुआत होती है। बिलासपुर के सूर्या चौक, चिंगराज पारा में स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर का पुनर्निर्माण इसी भावना की जीवंत मिसाल बनकर सामने आया है, जहां मुस्लिम युवक मुशर्रफ खान ने मंदिर के निर्माण को पूरा करने का संकल्प लिया और स्थानीय लोगों ने मिलकर इसे पूरा किया। यह पहल सिर्फ एक मंदिर निर्माण नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की कहानी है।

जानकारी के अनुसार, लगभग 15 से 20 वर्ष पहले मोहल्ले के लोगों ने मंदिर निर्माण की शुरुआत की थी, लेकिन कुछ कारणों से काम अधूरा रह गया और केवल मंदिर का ढांचा ही रह बनकर रह गया था। जिसके बाद अधूरे मंदिर को पूरा कराने का बीड़ा मोहल्ले के मुस्लिम युवक मुसर्रफ खान ने उठाया। उन्होंने मंदिर निर्माण और पूजा विधि पर आवश्यक जानकारी जुटाना शुरू किया। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या धन की थी, लेकिन चिंगराज पारा की पार्षद रेखा सूर्यवंशी ने आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया और साथ ही सहयोग भी किया।

मुसर्रफ खान के समर्पण को देखकर क्षेत्र के हिंदू समुदाय के लोग भी आगे आए और आर्थिक व श्रमदान से योगदान दिया। सभी की मदद से मंदिर का निर्माण पूरा हुआ और सावन माह के अंतिम दिन पूरे विधि–विधान और प्राण–प्रतिष्ठा के साथ मंदिर का उद्घाटन किया गया।

यह मंदिर अब न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और सामाजिक सद्भाव की एक प्रेरणादायक मिसाल भी बन गया है। इस शुभ अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुशांत शुक्ला भी मौजूद थे, जिन्होंने भजन गाकर माहौल को और भी खास बना दिया।