रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गलत फैसले लेकर देश का नुकसान किया, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंची. देश को कलंकित करने का काम प्रधानमंत्री ने किया. लोग अपने पैसे के लिए 43 दिन तक एटीएम के बाहर खड़े रहे. देश के लोगों का अपमान हुआ. ऐसा मजाक कभी भी किसी ने नहीं किया. ऐसे में प्रधानमंत्री से अपेक्षा की जाती थी कि छत्तीसगढ़ आकर वे अपनी गलती और वादे को पूरा नहीं करने के लिए क्षमा मांगेंगे. लेकिन प्रधानमंत्री की मानसिकता में शालीनता नहीं उसमे अहंकार है. यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कही.
रायपुर स्थित कांग्रेस भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनाव होने है..प्रथम चरण के मतदान में केवल दो दिन शेष हैं. देश के प्रधानमंत्री आये. अमित शाह ने प्रचार किया. घोषणापत्र जारी किया. लेकिन छत्तीसगढ़ आकर इस बात का जिक्र उन्होंने क्यों नहीं किया. नोटबंदी की वजह से करोड़ों रोजगार खत्म हो गए. देश की जीडीपी 2 प्रतिशत टूट गया. उनसे कोई सवाल नहीं कर सकता. आनंद शर्मा ने कहा कि अगर वो मौका दे तो हम बताएंगे उनके गलत फैसले से देश का कितना नुकसान हुआ. कालेधन पर लगाम लगने की बात कही गयी थी. नोटबन्दी सबसे बड़ी भूल थी.
सरकारी आंकड़े गवाह नहीं पनप रहे नए रोजगार
आनंद शर्मा ने कहा कि युवाओं को रोजगार का वायदा किया था. यह बात छतीसगढ़ में भी लागू होती है. लेकिन सरकारी आंकड़े बताते हैं कि नया रोजगार नहीं बन रहा. इस पर प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोले. प्रधानमंत्री मोदी के शासन काल में कुछ चीजे बढ़ी है, जैसे लोगों की मुसीबत, महंगाई, पेट्रोल व डीजल की कीमत, किसान को उसकी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है. रमन सरकार ने किसानों को किए वायदे को पूरा नहीं किया. दो साल का बोनस बकाया है. राहुल गांधी ने बताया कि हमने जो पंजाब में हमने कहा था उसे पूरा किया. कांग्रेस किसान की तकलीफ को समझती है.
पहले की सरकारें सूझबूझ से काम करती थी
कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले की सरकारें सूझबूझ से काम करती थी. प्रधानमंत्री आदतन मजबूर हैं. उनका काम आलोचना करना और बदनाम करना है. हम जब सत्ता में थे तो हमसे सवाल करते थे, लेकिन आज वो सत्ता में हैं वो जवाब दे. कांग्रेस की सरकार आएगी और केंद्र भी परिवर्तन होगा. हमे दुख हुआ कल प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस शहरी नक्सलियों की मदद करती है. सिर्फ वोट के लिए ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. कांग्रेस के पूरा वरिष्ठ नेतृत्व ने नक्सली हमले में प्राण गंवाए. प्रधानमंत्री ने बलिदान का अपमान किया है. वो माफी मांगे. उनसे उम्मीद नहीं की जा सकती.
प्रधानमंत्री को अर्थशास्त्र का ज्ञान नहीं
आनंद शर्मा ने कहा कि अमित शाह ने विकास की बात कही. मैं उन्हें याद करना चाहता हूं, क्या नक्सल चुनौती खत्म हो गई. मुख्यमंत्री का कवर्धा जिला नक्सल प्रभावित जिले में शामिल हो गया. छत्तीसगढ़ को 33 करोड़ मिलता है. यूपी को 100 करोड़, जहां जरूरत है वहा पैसा नहीं जा रहा. प्रदेश में शिक्षा की बदत्तर हालात है. 42 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. 25 लाख बेरोजगार हैं. प्राकृतिक साधनों की इस प्रदेश में कमी नहीं है. इसके बावजूद युवा बेरोजगार है. प्रधानमंत्री और अमित शाह बिना पढ़े लिखे बात करते है. प्रधानमंत्री को अर्थशास्त्र का ज्ञान नहीं है.
देश और छत्तीसगढ़ में पनपा भ्रष्टाचार
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में छग 21वां स्थान पर है. शिक्षा के क्षेत्र में पहले 15 नंबर पर छत्तीसगढ़ का नाम नहीं है. घोषणा पत्र जारी करके कहते हैं कि हमने सबकुछ पूरा कर दिया. अगर ऐसा होता तो वोट मांगने की जरूरत नहीं होती. जनता सब समझ रही है. बीजेपी सिर्फ पैसे से चुनाव लड़ती है. 2014 में खूब पैसे खर्च किये. 15 लाख वादा अब तो जुमला हो गया. बैंकों का पैसा मित्रों से लुटवा दिया. दिल्ली के इनका मुख्यालय 1500 करोड़ में बना. भ्रष्टाचार देश और छत्तीसगढ़ के पनपा है. यह मेरा सीधा आरोप है. जो न खाऊंगा न खाने दूंगा का नारा देने वाले ने अपने मित्रों को खूब खिलाया है.
आदिवासियों को हक दिलाने का कार्य करेगी कांग्रेस
आदिवासियों की बात कहते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि आदिवासियों को उनका हक दिलाने का काम कांग्रेस की सरकार करेगी. बीजेपी की कथनी और करनी के बहुत फर्क है. छत्तीसगढ़ बनने के समय 37 प्रतिशत गरीबी रेखा के नीचे थे..अब बढ़कर 43 प्रतिशत हो गए हैं. रमन सिंह और प्रधानमंत्री अलग-अलग आकड़े देते है. प्रधानमंत्री 50 प्रतिशत कहते हैं.हमारी सोच और इनकी सोच में अंतर है. इनके व्यवहार के कारण इनसे बातचीत नहींं होती है. ऐसे मानसिकता वाले प्रधानमंत्री से बात करना काफी कठिन है. फिर भी हमने उनसे जीएसटी को लेकर बातचीत की.