आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां शनिवार को देवोत्थान एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। काशीबुग्गा स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ से 10 लोगों की मौत होने के एक दिन बाद रविवार को पुलिस ने मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी। शनिवार को इस मंदिर में हुई दुर्घटना में आठ महिलाओं और एक बच्चे समेत कुल 10 की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए थे। कई श्रद्धालुओं को हड्डियां टूटने और सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ग्रिल टूटने से हुआ था हादसा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर का एकमात्र द्वार बंद था और जिन श्रद्धालुओं को पहले दर्शन के लिए अंदर जाने दिया गया था, वे ग्रिल टूटने के कारण सीढ़ियों के नीचे इंतजार कर रहे लोगों पर गिर गए और यह भीषण हादसा हुआ। श्रीकाकुलम जिले के पुलिस अधीक्षक के. वी. महेश्वर रेड्डी ने कहा, “हमने इस त्रासदी को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है।” उन्होंने कहा कि नौ शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंप दिया गया है। गंभीर रूप से घायल दो लोग अब स्थिर अवस्था में हैं और अन्य को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

नहीं ली गई थी अनुमति

एसपी के. वी. महेश्वर रेड्डी ने बताया कि मंदिर आयोजकों ने कार्यक्रम से पहले न तो अनिवार्य अनुमति ली थी और न ही पुलिस सुरक्षा के लिए आवेदन किया था। उन्होंने कहा, “मंदिरों या धार्मिक संस्थानों में भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस को पहले से सूचित करना अनिवार्य है, चाहे श्रद्धालुओं की संख्या कितनी भी हो।” रेड्डी के अनुसार, श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर एक निजी मंदिर है और बिना उचित अनुमोदन के संचालित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि प्रबंधकों ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया, जिसके कारण यह हादसा हुआ। इस बीच, पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

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