YS Jagan Mohan Reddy: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी इन दिनों सुर्खियों में है। वो भी अपनी मां और बहन वाईएस शर्मिला (YS Sharmila) के खिलाफ कोर्ट जाने को लेकर। दरअसल संपत्ति विवाद को लेकर रेड्डी ने मां और बहन को कोर्ट में घसीटा है। वाईएसआरसीपी (YSRCP) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को अपनी बहन और एपीसीसी अध्यक्ष वाईएस शर्मिला की ओर से किए गए शेयर हस्तांतरण को रद्द करने की मांग करते हुए एनसीएलटी में याचिका दायर की। इसे मीडिया में दिखाए जाने पर रेड्डी भड़क गए और मीडिया संस्थानों से ही पूछ लिया- तुम्हारे यहां लड़ाई नहीं होती क्या?

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जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि ये हर परिवार में होने वाली सामान्य समस्याएं हैं। आप इन मुद्दों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। ये सब चीजें बंद कीजिए।

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वहीं आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) अध्यक्ष शर्मिला ने YSRCP के प्रमुख रेड्डी से पूछा कि क्या हर परिवार में अपनी मां और बहन को (विवाद में) घसीटना आम बात है। दरअसल जगन मोहन रेड्डी ने एनसीएलटी में याचिका दायर कर अपनी बहन शर्मिला पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके और उनकी पत्नी भारती के पास मौजूद सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज के शेयरों को अवैध रूप से अपने और अपनी मां विजयम्मा के नाम पर स्थानांतरित कर दिया है।

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जानिए क्य़ा है पूरा मामला

बता दें कि जगन मोहन रेड्डी और वाईएस शर्मिला करोड़ों की जायदाद को लेकर अब दुश्मन बन गए हैं। इसमें कई बड़ी कंपनियों के शेयर के अलावा बेंगलुरु के पास स्थित येलहंका में 20 एकड़ जमीन भी शामिल है, जिनकी कीमत करोड़ों में मानी जाती है। जायदाद को लेकर भाई-बहनों का यह झगड़ा इस हफ्ते दोनों के बीच हुई चिट्ठी-पत्री से सुर्खियों में आ गया। एक ने जहां अपने मृत पिता पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की आत्मा को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया। वहीं दूसरे ने ‘धोखेबाजी’ और अपने पिता की स्मृति को कमतर आंकने का आरोप लगाया।

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कभी भाई के लिए बहन ने बहाया खूब पसीना  
जगनमोहन रेड्डी और शर्मिला रेड्डी के बीच कभी बहुत ही मधुर संबंध थे। आंध्र प्रदेश में जून 2012 में हुए विधानसभा उपचुनावों के दौरान शर्मिला ने अपने भाई की वाईएसआर कांग्रेस के लिए जमकर प्रचार किया, जिसमें पार्टी ने 18 में से 15 सीटें जीतीं थी। उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अपने भाई के लिए प्रचार किया, जिसमें जगन रेड्डी ने शानदार जीत हासिल की थी।हालांकि, इसके तुरंत बाद ही रिश्तों में दरार साफ हो गई। वर्ष 2021 में शर्मिला रेड्डी ने अपनी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी बनाई। इसका अप्रैल-जून के आम चुनाव से पहले कांग्रेस में विलय हो गया। शर्मिला को फिर कांग्रेस का आंध्र प्रदेश प्रमुख बनाया गया। इससे उनके भाई के साथ उनकी सीधी लड़ाई शुरू हो गई।

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