Red Sanders Smuggling: आंध्र प्रदेश पुलिस (Andhra Pradesh Police) ने लाल चंदन तस्करी के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश किया है। लाल चंदन की तस्करी अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) की फिल्म ‘पुष्पा’ (Pushpa) की तर्ज पर किया जा रहा था। हालांकि पुलिस भी ‘शेखावत’ बन गई लाल चंदन से भरी कंटेनर को जब्त करते हुए पूरे मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार चल रहा है।

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पूरा मामला आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का है। तिरुपति रेड सैंडर्स एंटी-स्मगलिंग टास्क फोर्स (Red Sanders Anti-Smuggling Task Force) ने लाल चंदन की तस्करी की सूचना पर एक कंटेनर को पकड़ा। जब उसे कोला गया तो कंटेनर लाल चंदन की लकड़ी से भरा हुआ था। मामले में तिरुपति रेड सैंडर्स एंटी-स्मगलिंग टास्क फोर्स ने नरेंद्र कुमार उर्फ मणि (तमिलनाडु), बिनॉय कुमार भगत (असम) और विजय जोशी (राजस्थान) को गिरफ्तार किया। ये सभी अंतरराज्यीय तस्कर गिरोह के सदस्य हैं।

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7 टन लकड़ी असम लेकर जा रहे थे

तस्करों को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ की जा रही है। इसमें पुलिस का मुख्य मकसद है रैकेट के पीछे के मुख्य संचालकों और उनके नेटवर्क का पता लगाना। लाल चंदन की लकड़ी की तस्करी करने का तरीका अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा से मिलती-जुलती थी। फिल्म ‘पुष्पा’ में दिखाए गए तस्करी के नाटक की वजह से इस समस्या को ग्लैमरस तरीके से पेश किया गया है। इसके लिए तस्करों ने लाल चंदन को एक कंटेनर लॉरी में छुपा रखा था। उन्होंने पकड़ में आने से बचने के लिए लकड़ी को खास तरीके से छिपाया था। वो अपने मसूबों के मुताबिक लगभग 7 टन लकड़ी असम ले जाने के फिराक में थे। हालांकि, उनके सारे प्लान पर पुलिस ने पानी फेर दिया।

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क्यों होती है लाल चंदन की तस्करी

लाल चंदन की ज्यादा मांग के चलते ब्लैक मार्केट में भारी मुनाफा होता है। इसकी वजह से कटाई पर सख्त प्रतिबंध होने के बावजूद तस्करी जारी है। लाल चंदन, जिसे रेड सैंडर्स के नाम से जाना जाता है। ये आंध्र प्रदेश की एक लुप्तप्राय लकड़ी की प्रजाति है। अपने अनूठे लाल रंग के होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, खासकर चीन और जापान में इसकी भारी मांग है। इसका इस्तेमाल फर्नीचर, संगीत वाद्ययंत्र, और सजावटी सामान के लिए ज्यादा किया जाता है, जिसकी इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है।

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