पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। गरियाबंद जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रशासन से नाराज बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव आज बुधवार को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को नहनबीरी मैनपुर निवास में छोड़कर कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गांवों में जनसंपर्क के लिए निकल गए. इसकी जानकारी लगते ही प्रशासन स्तर में हड़कंप मच गया. बता दें कि बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कई ईलाके काफी घोर नक्सली क्षेत्र हैं और काफी संवेदनशील क्षेत्रों में माना जाता है.
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस MLA जनक ध्रुव ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर निकलने से पहले मैनपुर लोक निर्माण विभाग के सामने पत्रकारों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव हुए तीन महीने हो चुके है. शासन-प्रशासन से देवभोग में आवास उपलब्ध कराने कई बार मांग कर चुका हूं. लेकिन अब तक आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है. मैनपुर नाहनबिरी स्थित अपने आवास में मेंरे द्वारा स्वंय के खर्चा से सुरक्षा व्यवस्था करवाया हूं. उन्होंने कहा कि मेरे पास देवभोग मे आवास की व्यवस्था नहीं है, मेरे स्वंय के रहने की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में मैं अपने सुरक्षाकर्मियों को कहां रखूंगा. इस मामले से कई बार प्रशासन को अवगत करा चुका हूं.
MLA जनक ध्रुव ने कहा मैं विपक्ष का विधायक हूं शायद इसीलिए सरकार मेरी सुरक्षा और रहने के लिए निवास की व्यवस्था नहीं कर रही है. बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र बहुत बड़ा है. देवभोग क्षेत्र के लोगों को मुुझसे मुलाकात करने के लिए 100 किलोमीटर दूर आना पड़ता है. सरकार और प्रशासन मुझे व्यवस्थापिका का हिस्सा ही नहीं मानती इसलिए सुविधा नहीं दे रही है.
क्या कहते हैं एसडीओपी ?
इस मामले पर मैनपुर एसडीओपी बाजीलाल सिंह ने बताया कि विधायक जनक ध्रुव को पुलिस प्रशासन ने पर्याप्त सुरक्षा प्रदान किया गया है. लेकिन आवास उपलब्ध कराना जिला प्रशासन का काम है. आज उनके सुरक्षाकर्मी थाना में पहुंचकर जानकारी दिए हैं कि विधायक जनक ध्रुव बैगर सुरक्षा के दौरे पर निकल गए हैं. एसडीओपी बाजीलाल सिंह ने कहा कि विधायक की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर है और इसकी सूचना देवभोग थाना में दे दी गई है.
प्रशासन ने दिया नियमों का हवाला
प्रशासन की ओर से एडिशनल कलेक्टर अरविंद पांडेय ने कहा कि आवास आवंटन नियम के मुताबिक एक ही जगह आवास देने का प्रावधान है. अगर उन्हें राजधानी में आवास में दिया गया है तो जिले या ब्लॉक में नहीं दिया जा सकता. जिले में लेना हो तो उन्हें राजधानी के आवास को छोड़ना होगा.
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