मुंबई। रिलांयस ग्रुप के प्रमुख अनिल अंबानी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) से जुड़ी जांच के सिलसिले में सोमवार को मुंबई में ईडी के अधिकारियों के समक्ष पेश हुए. बैलार्ड एस्टेट क्षेत्र स्थित ईडी के कार्यालय में फेमा की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में अपना बयान दर्ज कराया.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस मामले में अनिल अंबानी अपना बयान दर्ज कराई ईडी कार्यालय पहुंचे थे. इसके पहले अनिल अंबानी ने 2020 में यस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी ईडी के सामने पेश हुए थे.
धीरुभाई अंबानी के छोटे बेटे अनिल अंबानी के सितारे बड़े भाई मुकेश अंबानी के साथ संपत्ति के बंटवारे के बाद से गर्दिश में चल रहे हैं. वित्तीय चुनौतियों की वजह से उन्हें 2019 में दिवालिया के लिए आवेदन करना पड़ा था.
फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को स्वीडिश कंपनी एरिक्सन को अपने 550 करोड़ रुपए के कर्ज में से 453 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें एरिक्सन का बकाया चुकाने के अपने पिछले आदेश का पालन नहीं करने के लिए अवमानना का भी दोषी पाते हुए उनके साथ कंपनी के दो निदेशकों पर एक-एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था.
कर चोरी के मामले में कोर्ट से राहत
पिछले साल सितंबर में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 420 करोड़ रुपए के कर चोरी मामले में अनिल अंबानी को कुछ राहत दी थी. कोर्ट ने आयकर विभाग से अनिल अंबानी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा था. इसके बाद बीते अप्रैल के महीने में भी हाई कोर्ट ने यही आदेश देते हुए अनिल अंबानी की राहत जारी रखी थी.