Anil Ambani Fraud Case: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी मुश्किलों के दलदल में और गहराते जा रहे हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी उन्हें फ्रॉड घोषित कर दिया है. बैंक का दावा है कि अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) पर ₹1,656 करोड़ से अधिक की बकाया राशि है. कंपनी को इस फैसले की जानकारी बैंक से 2 सितंबर को मिले आधिकारिक पत्र के जरिए दी गई.
बैंक ऑफ बड़ौदा के अनुसार, RCOM को पहले ₹1,600 करोड़ और ₹862.50 करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) उपलब्ध कराई गई थी. कुल ₹2,462.50 करोड़ की रकम में से 28 अगस्त 2025 तक ₹1,656.07 करोड़ बकाया है.
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यह खाता साल 2017 से ही नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) की श्रेणी में है. नियमों के मुताबिक, अगर कोई लोनधारी 90 दिन या उससे ज्यादा समय तक किश्त या ब्याज नहीं चुकाता, तो बैंक उसे NPA मान लेता है.
Anil Ambani Fraud Case. इस बीच, रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बैंक के इस कदम पर सफाई दी है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि यह विवाद करीब 12 साल पुराना है और अनिल अंबानी 2006 से 2019 तक सिर्फ नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे हैं. उनका कंपनी के रोज़ाना के संचालन या फैसलों से कोई संबंध नहीं था.
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प्रवक्ता ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कंपनी कानूनी रास्ता अपनाएगी. साथ ही, रिलायंस पावर ने स्पष्ट किया कि बैंक ऑफ बड़ौदा की इस कार्रवाई का उनके कारोबार और वित्तीय स्थिति पर कोई असर नहीं होगा.
Anil Ambani Fraud Case. बैंकिंग कानूनों के तहत किसी खाते को फ्रॉड घोषित किए जाने पर मामला प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपा जाता है. इससे उधारकर्ता को अगले पांच साल तक किसी भी तरह का नया कर्ज नहीं मिल सकता.
इस समय RCOM पर मार्च 2025 तक ₹40,400 करोड़ से ज्यादा का कर्ज दर्ज है और कंपनी 2019 से दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. SBI की अगुआई वाली कर्जदाता समिति ने 2020 में रेजोल्यूशन प्लान मंजूर किया था, लेकिन मामला कोर्ट में अटका है.
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अनिल अंबानी के लिए यह पहली बार नहीं है जब कर्ज विवाद ने उन्हें घेरे में लिया हो. ठीक 13 दिन पहले, CBI ने ₹2,929 करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में RCOM पर केस दर्ज किया था. इसके तहत मुंबई स्थित कंपनी दफ्तर और अनिल अंबानी के घर पर छापेमारी भी की गई थी.
Anil Ambani Fraud Case. वहीं, 23 जुलाई को ED ने यस बैंक से जुड़े ₹3,000 करोड़ के लोन घोटाले मामले में अंबानी के 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे. इतना ही नहीं, उनके खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया कार्यवाही का मामला भी मुंबई NCLT में पेंडिंग है.
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