स्पोर्ट्स डेस्क. भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले चाहते हैं कि, बीसीसीआई युवा खिलाड़ियों को वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले 2024 टी20 विश्वकप से पहले अनुभव हासिल करने के लिए दुनिया भर में विभिन्न टी20 लीग में हिस्सा लेने की अनुमति दें. आईपीएल की 2008 में शुरुआत के बाद कई देशों ने अपनी घरेलू टी20 लीग शुरू की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग (बीबीएल), पाकिस्तान प्रीमियर लीग (पीएसएल), कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) जैसे टूर्नामेंट शामिल है.

बता दें कि, आईपीएल में दुनिया भर के खिलाड़ियों को हिस्सा लेने की अनुमति होती है, लेकिन बीसीसीआई किसी भी सक्रिय भारतीय क्रिकेटर को इन विदेशी लीग में हिस्सा लेने की मंजूरी नहीं देता है.

भारतीय क्रिकेट के विकास में मदद मिलेगी
कुंबले ने कहा कि मुझे लगता है कि एक्सपोजर (वहां के हालात में खेलने का अनुभव) निश्चित रूप से मदद करता है. हमने इसे भारतीय क्रिकेट के विकास में मदद करते हुए देखा है. आईपीएल में विदेशी खिलाड़ियों के आने से भारतीय क्रिकेट को निश्चित रूप से मदद मिली है. उन्होंने कहा कि अगर किसी युवा खिलाड़ी को विदेश भेजने से उसके खेल में सुधार होता है तो फिर हमें ऐसा करना चाहिए.

अगले टी20 विश्वकप के लिए रहना होगा तैयार
भारतीय टीम के इस पूर्व कोच ने कहा कि मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि आपके पास वह सब कुछ होना चाहिए जो आपके लिए 2024 के विश्व कप में जरूरी होगा. आपको विश्व कप के लिए अच्छे से तैयार रहना होगा. इस विश्व कप में भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी थे जिसे ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव नहीं था वही दूसरी तरफ इंग्लैंड के खिलाड़ियों को बीबीएल में खेलने का अनुभव है. इसमें कप्तान जोस बटलर और सलामी बल्लेबाजी में उनके जोड़ीदार एलेक्स हेल्स भी शामिल है.

टीम में वैसे बल्लेबाजों की जरूरत जो गेंदबाजी भी कर सकें
कुंबले ने कहा कि, भविष्य में टी20 क्रिकेट में ‘पावरहिटिंग’ (ताबड़तोड़ बल्लेबाजी) का ही दबदबा रहेगा और उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय टीम को ऐसा क्रिकेट खेलने की जरूरत है. जिसमें लप्पेबाज टीम में संतुलन के लिए गेंद से भी योगदान कर सकें. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसा निश्चित रूप से किए जाने की जरूरत है, हम गेंदबाजों के बल्लेबाजी करने के बारे में बात करते रहते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट में आपको ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत है जो टीम के संतुलन के लिए गेंदबाजी भी कर सकें. इंग्लैंड के पास यही चीज थी. उनके पास काफी ज्यादा विकल्प थे. उन्होंने लियाम लिविंगस्टोन का इस्तेमाल किया. मोईन अली ने मुश्किल से इस टूर्नामेंट में गेंदबाजी की है. इसलिए आपको इस तरह के विकल्पों की जरूरत होती है.

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